आज से खरमास का आरंभ हो चुका है। सूर्य जब भी धनु या मीन किसी भी राशि में जातें है तो खरमास का आरंभ हो जाता है। फिलहाल, सूर्य मीन राशि में संचार कर रहे हैं। खरमास के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। दरअसल, सूर्य को आत्मा का कारक ग्रह माना गया है। गुरु को धर्म का कारक ग्रह बताया गया है। इस समय को आत्मा और परमात्मा के मिलन का समय माना जाता है। धार्मिक दृष्टि से ऐसी मान्यता है कि इस समय सूर्य और गुरु साथ होते हैं तो देव ध्यान, यज्ञ, तप आदि कर्म करना शुभ फलदायी रहता है। जब सूर्य गुरु की राशि में हो तो इस दौरान सांसारिक कार्य से अपना मन हटाकर धर्म और अध्यात्म में मन लगाना चाहिए।
आइए जानते हैं खरमास में क्या नहीं करना चाहिए
खरमास में कोई भी शुभ कार्य जैसा शादी विवाद संपन्न नहीं होते हैं। दरअसल, इस दौरान की गई शादियों में नवविवाहित जोड़े को ग्रहों का शुभ फल नहीं मिलता है।
खरमास में सिर्फ विवाह ही नहीं बल्कि, सगाई, गृह प्रवेश, जनेऊ और मुंडन जैसे कार्य भी नहीं करने चाहिए। सूर्य जब धनु राशि में आते हैं तो सूर्य अग्नि तत्व की राशि होने के कारण अग्नि तत्व की वृद्धि होती है। और वहीं, सूर्य अग्नी तत्व और मीन जल तत्व की राशि में ऐसे में इन दोनों की युति भी शुभ फलदायी नहीं रहती है।
साथ ही इस दौरान नए घर का निर्णय कार्य भी शुरू नहीं करवाना चाहिए। इसके अलावा यदि आप नया घर खरीदने का मन बना रहे हैं तो ऐसा करने से बचें। खरमास में अगर आप नया वाहन खरीदने का मन बना रहे हैं तो ऐसा करने से बचें। इस महीने में वाहन खरीदना भी शुभ फलदायी नहीं रहता है। इस समय ऋतु का बदलाव भी हो रहा है तो ऐसे में तामसिक भोजन से दूरी बनाकर रखें आपकी सेहत पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
खरमास में करें ये काम
खरमास में पूजा पाठ, यज्ञ आदि अधिक करना चाहिए। इस समय भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए। खरमास में आप सत्यनारायण भगवान की कथा सुनते हैं या पढ़ते हैं तो इसका शुभ असर आपके साथ साथ आपके परिवार को भी मिलता है।
जिन लोगों की कुंडली में गुरु खराब स्थिति में हैं उन्हें खरमास में पूजा पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से आपको गुरु ग्रह दोष का कम ही प्रभाव देखने को मिलेगा। साथ ही इस समय सूर्य को रोजाना अर्घ दें।