राज्य का प्रथम डिजिटल गांव घेस की सड़क आए दिन दुर्घटना को निमंत्रण दे रही है। दरअसल, कुनार बैंड घेस की सड़क हाल ही में पीएमजीएसवाई से लोक निर्माण विभाग को ट्रांसफर हुई है और विभाग द्वारा इसकी कोई सुध नहीं ली जा रही। जगह जगह सड़क इतनी उखड़ चुकी है कि आने जाने वाले गाड़ियों को चढ़ाई चढ़ने और उतरने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
बता दें कि इस सड़क में सफाई का कार्य अंतिम बार वर्ष 2018 में हुआ था जब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का दौरा हुआ था। तब से लेकर आज तक इस सड़क की ना तो सफाई हो पाई और ना ही कहीं पर सड़क का सुधारीकरण कार्य हो पाया। सड़क के डामर के उखड़ने से कई जगह गड्ढे तथा रोड़ी सड़क पर किसी अनहोनी को आमंत्रण देती प्रतीत हो रही हैं। दुपहिया वाहनों के लिए तो यह सड़क इतनी खराब हो चुकी है कि अब शायद कोई ही राहगीर इस पर जाना पसंद करें जबकि यह सड़क क्षेत्र के लगभग 4000 से अधिक लोगों की जीवन रेखा है।
वर्ष 2014 में इस सड़क का पहली बार डामरीकरण का कार्य हुआ और तब से लेकर आज तक दोबारा कभी भी डामरीकरण का कार्य नहीं किया गया। वर्तमान समय में सड़क की स्थिति बेहाल हैI स्थानीय जनता का कहना है कि पिछले वर्ष सड़क सुधारी करण हेतु टेंडर हुआ था लेकिन उस पर भी कोई कार्य नहीं हो पाया।
सिर्फ एक किलोमीटर के दायरे में सड़क को काला कर दिया गया। तब से लेकर आज तक सड़क में पड़े किसी एक पत्थर को उठाने के लिए भी कोई नहीं आयाI समय-समय पर इस क्षेत्र में राज्य के बड़े नेताओं स्थानीय विधायक तथा स्थानीय प्रतिनिधियों का दौरा भी होता रहता है लेकिन किसी को इस सड़क की दुर्गति का एहसास नहीं हो पाया।