उत्तराखंड समेत देश के तमाम राज्यों में लाखों वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले जंगलों को धधकने से बचाया जा सके, इसके लिए भारतीय वन सर्वेक्षण के विशेषज्ञों की टीमें भारतीय सेटेलाइट एसएनटीटी और यूरोपियन एजेंसी के सेटेलाइट एक्वाटेरा के जरिए चौबीसों घंटे निगरानी कर रही हैं।
वैज्ञानिकों की टीमें भारतीय सेटेलाइट एसएनटीटी में लगे आईवीआरएस कैमरे और यूरोपियन एजेंसी के सेटेलाइट एक्वाटेरा में लगे मोडिस कैमरे के जरिए देश के जंगलों में लगी आग का डाटा जुटा रही हैं। संबंधित राज्यों के आला विभागीय अधिकारियों से भी तत्काल इसकी जानकारियां साझा की जा रही हैं, ताकि जंगलों में लगी आग पर तत्काल काबू पाने के साथ ही वन्यजीवों की जिंदगी बचाने के साथ ही वन संपदाओं को बर्बाद होने से बचाया जा सके।
भारतीय वन सर्वेक्षण के महानिदेशक अनूप सिंह के मुताबिक अब गर्मी अपने चरम पर है। ऐसे में जंगलों में आग लगने की घटनाओं में भी तेजी से इजाफा हुआ है। उत्तराखंड समेत देश के तमाम राज्यों में जंगलों में लगी आग की तत्काल जानकारी हासिल करने के साथ ही संबंधित राज्यों को इसकी जानकारी साझा किया जा सके, इसके लिए संस्थान के वैज्ञानिकों की टीमें चौबीसों घंटे निगरानी कर रही हैं। सेटेलाइट्स के जरिए जंगलों में लगी आग की मॉनीटरिंग कर बड़े पैमाने पर जंगलों को धधकने से बचाया गया है।
एक्वाटेरा 4 और एसएनटीटी रोज लगा रहा उत्तराखंड का चक्कर
भारतीय वन सर्वेक्षण के विशेषज्ञों के मुताबिक यूरोपियन एजेंसी का सेटेलाइट एक्वाटेरा हर छह घंटे के अंतराल पर उत्तराखंड के ऊपर से गुजर रहा है, जबकि भारतीय सेटेलाइट एसएनटीटी आईवीआरएस हर 12 घंटे के अंतराल पर चक्कर लगा रहा है। ऐसे में चौबीस घंटे के भीतर भारतीय सेटेलाइट दो बार तो एक्वाटेरा चार बार उत्तराखंड के ऊपर से गुजर रहा है।
पिछले चौबीस घंटे में साढ़े आठ हेक्टेयर जंगल स्वाहा
वन विभाग की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटे के भीतर राज्य में जंगलों में लगी आग की में नौ स्थानों पर आग लगने से वन संपदाओं को भारी नुकसान हुआ है। विभागीय तत्काल जानकारी हासिल अधिकारियों के मुताबिक जहां कुमाऊ में सात स्थानों पर आग लगने की घटनाएं हुई, वहीं करने के साथ ही संबंधित गढ़वाल क्षेत्र में दो स्थानों पर आग लगने की घटनाएं हुई। इन सभी घटनाओं में कुल साढ़े राज्यों को इसकी जानकारी साझा किया जा सके, हेक्टेयर जंगल जलकर स्वाहा हो गया। आंकड़ों पर नजर डालें तो एक नवंबर से लेकर अब तक पूरे राज्य में वनाग्नि की 259 घटनाएं हुई हैं। इनमें कुल मिलाकर 337.71 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा है। इन घटनाओं में दो लोगों के साथ ही एक व्यक्ति घायल भी हुआ है।