प्रदेश के सात लाख 85 हजार से अधिक वृद्धा, विधवा व दिव्यांग पेंशनरों को अब चार-चार महीने तक पेंशन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अब उनके खातों मे हर महीने पहली तारीख को पेंशन आ जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके निर्देश जारी कर दिए हैं। अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन ने बैठक बुलाकर अधिकारियों को तत्काल इस बाबत कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
हर महीने मिलते हैं 1500 रुपए
प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा के तहत प्रत्येक पेंशनर को हर महीने 1500 रुपये पेंशन मिलती है। समाज कल्याण विभाग के माध्यम से ये पेंशन उनके खातों में भेजी जाती है। शासन से पेंशन की धनराशि समाज कल्याण विभाग को जाती है और फिर विभाग इसे निदेशालय और जिला समाज कल्याण अधिकारियों के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से पेंशनरों के खाते में भेजता है। इस प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है, जिससे पेंशनरों को तीन से चार महीने बाद पेंशन मिलती है। कई पेंशनरों को तो इससे भी अधिक समय तक इंतजार करना पड़ता है। ऐसी कई शिकायतें मुख्यमंत्री के संज्ञान में आ चुकी हैं। यही वजह है कि मंगलवार को हेल्पलाइन 1905 की समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए।
मासिक आधार पर मिलेगी छात्रवृत्ति
वहीं, मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति को भी मासिक आधार पर जारी करने के निर्देश दिए हैं।
अप्रैल की पेंशन 15 मई तक हो जाएगी जारी
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद एसीएस वित्त आनंद बर्द्धन ने समाज कल्याण, शिक्षा व वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में तय हुआ कि अप्रैल की पेंशन 15 मई तक जारी कर दी जाएगी। मई की पेंशन पहली जून को मिलेगी। हर माह पहली तारीख को पेंशन जारी करने की व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए गए। पेंशन की धनराशि सीधे खाते में भेजने के लिए समाज कल्याण विभाग का आईटी प्रकोष्ठ और एकीकृत वित्त प्रबंधन प्रणाली (आईएफएमएस) के बीच समन्यव बनाया जाएगा। इस नई व्यवस्था के लिए 22 मई को बैठक बुलाई गई है।