विश्व का सबसे ऊंचा शिवालय तुंगनाथ जो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 12 हजार 800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसको लेकर एक बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। तुंगनाथ मंदिर भी जोशीमठ की तरह ही धंसने लगा है। ये खुलासा (ASI) यानि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की तरफ से कराई गई स्टडी में हुआ है। स्टडी के मुताबिक मंदिर में 5 से 6 डिग्री तक का झुकाव और परिसर के अंदर बने मूर्तियों और छोटे स्ट्रक्चर में 10 डि
ग्री तक का झुकाव देखने को मिला है। मंदिर ऐसे ही झुकता रहा, तो इसके गिरने और नष्ट होने का खतरा है।
पंच केदार में एक तीसरा केदार तुंगनाथ मंदिर पर साल 1991 में आए बड़े भूकंप के अलावा 2012 के उखीमठ और 2013 की केदारनाथ आपदा का भी गहरा असर पड़ा। इसके बाद ही मंदिर का झुकना शुरू हुआ और तुंगनाथ की स्थिति अब खतरे में है। जानकारी के मुताबिक मंदिर का झुकाव देखने के लिए एएसआई ने साल 2017-18 में शीशे की स्केल लगाई थी। इसके आधार पर अब आंकड़े जुटाने से पता चला है कि तुंगनाथ मंदिर खतरनाक ढंग से झुक रहा है। तुंगनाथ मंदिर की बाहरी दीवार से कई जगह पत्थर भी निकल गए हैं। asi नेकेंद्र सरकार को इस संबंध में जानकारी देते हुए संरक्षित इमारत के तौर पर शामिल किए जाने की सलाह दी है। इस पर अमल करते हुए सरकार ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की कवायद भी शुरू कर दी है। एएसआई मंदिर में झुकाव की मुख्य वजह को जानने और अगर संभव हो तो रिपेयर करने कोशिश करेगा।