उत्तराखंड : पुरोला में तीन और मुस्लिम समुदाय के व्यापारियों ने खाली की दुकानें, सिलसिला जारी!

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पुरोला : पुरोला में लव जिहाद को लेकर शुरू हुआ आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। शहर से मुस्लिमों के दुकानें खाली करने का सिलसिला जारी है। तीन और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दुकानें खाली कर दी हैं। वहीं, बड़कोट में भी दुकानें खाली कराई जा रही हैं।

BJP अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष के बाद रविवार को मोर्चा के मंडल अध्यक्ष ने भी दुकान खाली कर दी है। घटना के बाद से मुस्लिम व्यापारियों की एक भी दुकान अभी तक नहीं खुली है। बल्कि इन बीते दिनों में 14 मुस्लिम व्यापारियों ने दुकानें खाली की हैं। इनमें 12 व्यापारियों ने पुरोला पूरी तरह से छोड़ दिया है, जबकि दुकान छोड़ने वाले दो व्यापारी पुरोला में अपने मकान पर रह रहे हैं।

26 मई को एक नाबालिग लड़की को भगाने के आरोप में बिजनौर निवासी हिंदू युवक जितेंद्र सैनी पुत्र अंतर सैनी और मुस्लिम युवक उवेद खान पुत्र अहमद को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। दोनों के विरुद्ध पाक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा। उसके बाद मामले ने लव जिहाद का रूप लिया और पुरोला सहित जिले के छोटे बड़े कस्बों में विरोध प्रदर्शन हुआ।

देवभूमि रक्षा संगठन ने चार जून की रात को पुरोला में मुस्लिम व्यापारियों की दुकानों के बाहर पोस्टर चिपकाए। इसमें 15 जून को महा पंचायत का आह्वान किया है तथा उससे पहले मुस्लिम व्यापारियों को दुकाने खाली करने की चेतावनी दी गई, जिसके बाद से मुस्लिम व्यापारी पुरोला छोड़ रहे हैं।

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा मंडल अध्यक्ष शकील अहमद ने भी अपनी गारमेंटस की दुकान खाली कर दी है। शकील अहमद ने कहा कि मकान मालिक ने दुकान खाली कराने के लिए कहा है। इसलिए दुकान खाली करनी पड़ी। वह पिछले 45 वर्षों से पुरोला में रह रहे हैं। पुरोला में उनका अपना मकान है।

वहीं, दूसरी ओर बड़कोट में दो दुकानों खाली हो चुकी हैं। जबकि तीन दुकानों को खाली करने के लिए मकान मालिक ने नोटिस दिए हैं। बड़कोट में हालांकि माहौल कुछ शांत है। लेकिन, 15 जून को पुरोला में होने वाली महापंचायत का असर यहां भी नजर आ रहा है।

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