देहरादूनः प्रदेश के ग्रोथ सेंटर सिर्फ नाम के न हो बल्कि यहां के उत्पादों की एक खास पहचान राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बजाार में बने। यह बात मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्रोथ सेंटरों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों से कही। ग्रोथ सेंटरों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि यहां के उत्पादों की ब्रांडिंग और ऑनलाइन मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दें। इसके साथ ही ग्रोथ सेंटरों के आउटपुट के आकलन करने के निर्देश भी उन्होंने अधिकारियों को दिये।
उत्कृष्ट हो ग्रोथ सेंटरों के उत्पाद
सीएम ने बैठक में कहा कि ग्रोथ सेंटरों के उत्पादों की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। साथ ही उत्पादों की क्वॉलिटी और ऑनलाइन मार्केटिंग की मजबूत व्यवस्था की जाय। इस दौरान सीएम ने एग्री बिजनेस से जुड़े ग्रोथ सेंटरों को माइक्रो फूड प्रोसेसिंग से भी जोड़ने की सलाह दी। सीएम ने कहा कि ग्रोथ सेंटर में तैयार किए जा रहे उत्पाद इतनी मात्रा में बनाए जाएं कि खरीददार वहां आकर इन उत्पादों को खरीद सकें। इससे किसानों और ग्रामीणों को अपने उत्पादों की अच्छी कीमत मिल सकेगी।
- हाइलाइट्स
- वोकल फाॅर लोकल अभियान, प्रदेश की रीढ़ बनेंगे ग्रोथ सेंटर
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सीएम तिवेंद्र का फोकस
- ग्रोथ सेंटरों के उत्पादों की मार्केटिंग और ब्रांडिंग पर जोरः सीएम
- एग्री बिजनेस से जुड़े ग्रोथ सेंटरों में माइक्रो फूड प्रोसेसिंग पर फोकस
- एमएसएमई विभाग तैयार करेगा ग्रोथ सेंटरों की वेबसाइट
- एक कलर कल्चर में होंगे ग्रोथ सेंटर
- पंचायत स्तर होंगे ग्रोथ सेंटर, 96 ग्रोथ सेंटर हो चुके स्वीकृत
ग्रोथ सेंटरों की बने वेबसाइट
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रोथ सेंटरों की एमएसएमई विभाग एक वेबसाइट तैयार करें, जहां सभी ग्रोथ सेंटरों में बनाए जा रहे उत्पादों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध की जा सके। उन्होंने कहा कि ग्रोथ सेंटर की परिकल्पना पीएम मोदी को वोकल फॉर लोकल अभियान पर आधारित है। बैठक में सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि ग्रोथ सेंटरों के उत्पादों के लिए बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाए। सरकारी विभाग भी यहां तैयार किए जाने वाले उत्पादों को प्राथमिकता दे सकते हैं। एलईडी ग्रोथ सेंटरों को डिजायनर उपलब्ध कराए जाएं, ताकि वहां स्वतंत्रता दिवस, दीपावली आदि अवसरों पर सजावट के लिए विभिन्न डिजाइनों की लाइटें तैयार किया जा सके। इसके साथ ही सभी ग्रोथ सेंटर को एक समान कलर कल्चर दिया जाए, ताकि दूर से ही उन्हें पहचाना जा सके।
पंचायत स्तर होंगे ग्रोथ सेंटर
बैठक में बताया गया कि हर न्याय पंचायत स्तर पर ग्रोथ सेंटर स्थापित किए जाने है। 96 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत किए जा चुके हैं। इनमें डेयरी विकास में 4, एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना में 25, उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड में 10, सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी में 2, एनआरएलएम में 9, जलागम में 7, मत्स्य में 11, उत्तराखंड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड में 3 और जनपदों के अंतर्गत 25 ग्रेाथ सेंटर स्वीकृत किए गए हैं। यूएनडीपी के माध्यम से फॉर्म और नॉन फॉर्म एग्री बिजनेस की 12 वैल्यू चैन तैयार कर विभागों के साथ साझा की गई है।
इन जिलों में है ग्रोथ सेंटर्स
पिथौरागढ़ में 10, बागेश्वर में 9, अल्मोडा में 8, चम्पावत में 3, नैनीताल में 7, उधम सिंह नगर में 6, चमोली में 19, रुद्रप्रयाग में 5, उत्तरकाशी में 7, टिहरी में 8, पौड़ी में 5, देहरादून में 6 और हरिद्वार में 3 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत किए जा चुके हैं। सभी स्वीकृत ग्रोथ सेंटर का कुल बजट 39 करोड़ 62 लाख रुपए है।