राजस्थान में सियासी संग्राम जारी है। ऑडियो टेप सामने आने के बाद भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ चुकी है। उधर राजस्थान एसओजी ने टेप सामने आने के बाद अपनी कार्रवाही तेज कर दी है। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल से मुलाकात कर बहुमत का दावा किया। गहलोत ने 102 विधायकों की लिस्ट राज्यपाल को सौंपी।
जयपुरः पिंक सिटी की राजनीतिक पिक्चर का क्लाइमेक्स रोज बदल रहा है। पहले जहां पायलट और गहलोत खेमे में घमासान मचा था। वहीं ऑडियो टेप आने के बाद भाजपा-कांग्रेस के बीच खूब बयानबाजी हो रही है। इस बीच राजस्थान एसओजी ने इंवेस्टिगेशन में तेजी ला दी है। जिससे पायलट खेम के मुश्किलें बढ़ने लगी है। शुक्रवार को एसओजी की टीम मानसर पहुंची, तो उन्हें बागी विधायकों से मिलने जाने नहीं दिया गया। इसके बाद एक घंटे बाद टीम अंदर गई, तो विधायक वहां से नदारद थे। इधर ऑडियो टेप के सामने के बाद बीजेपी- कांग्रेस भी एक दूसरे को कानूनी पचड़े में फंसाने में लगे हैं।
राजभवन में गहलोत की दस्तक, बहुमत का दावा
राजस्थान में सियासी ड्रामे के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों को साध कर बहुमत का दावा किया। गहलोत विधायाकों का समर्थन लेकर राजभवन पहुंचे और राज्यपाल से मुलाकात की। इस दौरान सीएम गहलोत ने राज्यपाल के समक्ष बहुमत का दवा पेश किया। गहलोत ने राज्यपाल से अपने पास 102 विधायकों के समर्थन होने का दावा पेश किया है।
गहलोत को बीटीपी ने लगाया गले
राजस्थान के सियासी संग्राम के बीच जहां पहले भारतीय ट्राइबल पार्टी ने कांग्रेस के दोनों खेमो की लड़ाई में न्यूट्रल रहने की बात कही थी। वहीं आज बीटीपी ने कांग्रेस के साथ मंच साझा किया। इस दौरान बीटीपी के दोनों विधायकों ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में विश्वास जताया। आपको बता दें कि बीटीपी की ओर से व्हिप जारी करके इस मामले में किसी भी गुट और पार्टी का समर्थन ना करने के आदेश अपने विधायकों को दिया था, लेकिन शनिवार को हुई कॉन्फ्रेंस में बीटीपी के दोनों विधायकों ने यह कहते हुए समर्थन देने की बात कही है कि सरकार से हमने कुछ मांग की थी, जिससे मानने के लिए अब सरकार तैयार है, लिहाजा हम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के समर्थन के लिए तैयार है।