उत्तराखंड में 4000 से अधिक शिक्षकों के तबादले, पढ़िए पूरी खबर

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प्रदेश में तबादला एक्ट के तहत बेसिक, जूनियर हाईस्कूलों और माध्यमिक संवर्ग के शिक्षकों के सुगम से दुर्गम और दुर्गम क्षेत्र से सुगम क्षेत्र के स्कूलों में बंपर तबादले किए गए हैं। अधिकतर शिक्षकों का उसी जिले के आसपास के स्कूलों में तबादला किया गया है।

दरअसल, विद्यालयी शिक्षा इस सत्र में 42 सौ से अधिक शिक्षक स्थानांतरित किए गए हैं। मंगलवार को 22 प्रधानाचार्यों के स्थानांतरण की सूची भी शासन ने जारी की। स्थानांतरित शिक्षकों में 2247 माध्यमिक शिक्षकों के अलावा दो हजार से अधिक प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक शामिल हैं। बड़ी संख्या में हुए तबादलों से ज्यादातर शिक्षक संतुष्ट दिखे, लेकिन दुर्गम से दुर्गम, गंभीर रोग ग्रस्त श्रेणी में हुए तबादले, सबमिट और एससीईआरटी में पिक एंड चूज फार्मूला अपनाए जाने पर कई शिक्षकों ने नाराजगी है।

शिक्षा महानिदेशालय के मुताबिक बेसिक में पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और हरिद्वार को छोड़कर अन्य सभी जिलों में 1361 सहायक अध्यापकों के तबादले किए गए हैं। कुमाऊं मंडल में सहायक अध्यापक एलटी के 721 और गढ़वाल मंडल में सहायक अध्यापक एलटी के 779 शिक्षकों के तबादले हुए हैं। तबादला आदेश में कहा गया है, शिक्षक तबादला आदेश के एक सप्ताह के भीतर कार्यभार ग्रहण करेंगे। इसके लिए वे प्रतिस्थानी का इंतजार नहीं करेंगे। उप शिक्षा अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है तत्काल प्रभाव से तबादला पाने वाले शिक्षकों को अवमुक्त करेंगे। जिन शिक्षकों का तबादला हुआ है उनका वेतन नए तैनाती स्थल से ही दिया जाएगा। इस दौरान शिक्षकों का किसी भी तरह का अवकाश मंजूर नहीं किया जाएगा। आदेश में यह भी कहा गया है नए तैनाती के स्थान पर कार्यभार ग्रहण न करने पर संबंधित शिक्षक के खिलाफ धारा 24 के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। शिक्षकों के तबादलों की वजह से यदि कोई स्कूल शिक्षक विहीन हो रहा है तो संबंधित उप शिक्षाा अधिकारी अध्यापक उस स्कूल में तत्काल शिक्षक की व्यवस्था करेंगे। जिन शिक्षकों का तबादला हुआ है उनके आदेश में यदि किसी तरह की गलती है तो इसे ठीक करने के लिए एक स्तर उच्च अधिकारी को इसके लिए आवेदन करना होगा।

गौर हो कि प्रवक्ताओं का बड़ी संख्या में ऐसे समय में तबादले हुए हैं जब कुछ दिन बाद ही राजकीय शिक्षक संघ के चुनाव होने हैं। छह एवं सात जुलाई को अल्मोड़ा में राजकीय शिक्षक संघ का अधिवेशन के बाद चुनाव होंगे। ऐसे में तबादलों को लेकर चर्चा होना स्वाभाविक है। एससीईआरटी में ऐसे शिक्षकों का तबादला नहीं हुआ जो तबादला सूचित में पहले व दूसरे स्थान पर रखे गए थे। जबकि कुछ शिक्षकों के स्थानांतरण में तबादला अधिनियम 2017 की धारा 13 (3) का पालन नहीं किया गया। जबकि संबंधित शिक्षकों ने इस नियम का अपने दस्तावेजों में विस्तार से रिपोर्ट दी थी।

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