उत्तरकाशी जनपद के भटवाड़ी ब्लाक के मस्ताड़ी गांव में शनिवार की रात को भारी वर्षा से एक दर्जन से अधिक घरों में पानी रिसाव बढ़ गया है। इससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने कहा कि कभी भी उनके मकान भूधंसाव की चपेट में आ सकते हैं। प्रशासन को पूर्व में भी कई बार इस संबंध में जानकारी दी गई, लेकिन अब तक उनका विस्थापन नहीं किया गया है।
ग्रामीणों के सामने खुद के रहने का संकट
दरअसल, शनिवार की शाम से शुरू हुई वर्षा के बाद गांव में करीब एक दर्जन घरों के कीचन और गोशाला में दरारों के कारण पानी आने लगा। मस्ताड़ी गांव के ग्राम प्रधान सत्यनारायण सेमवाल ने कहा कि वर्षा के कारण गांव में एक दर्जन से अधिक मकानों के अंदर से पानी आने लगा है। ग्रामीण इसको लेकर दहशत में हैं कि कभी भी उनके मकान भूधंसाव की जद में आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीणों के सामने खुद के रहने का संकट भी खड़ा हो गया है। गोशालाओं के अंदर से भी पानी का रिसाव और अधिक बढ़ गया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने कहा कि वर्षा के कारण कुछ घरों के अंदर से पानी का रिसाव बढ़ने की सूचना ग्राम प्रधान की ओर से मिली है। इस संबंध में ग्रामीणों को सतर्क रहने और संबंधित राजस्व कर्मियों को सूचित किया गया है।
बरसात में बढ़ जाती हैं मस्ताड़ी गांव की मुश्किलें
उत्तरकाशी जनपद के भटवाड़ी ब्लाक के मस्ताड़ी गांव में वर्ष 1991 में भूकंप आने से दरारें पड़ गई थीं। इसके बाद यहां भूधंसाव शुरू हो गया। वर्ष 1997 में भूविज्ञानियों ने सर्वे के बाद गांव के विस्थापन व सुरक्षात्मक कार्य करने के सुझाव दिए। बावजूद अब तक गांव का विस्थापन तो दूर सुरक्षात्मक कार्य भी नहीं हो पाए। दूसरी ओर, गांव में भूधंसाव बढ़ता जा रहा है। ग्रामीण सर्वे से सहमत नहीं हैं, इसलिए दोबारा सर्वे के लिए भूविज्ञानियों को पत्र लिखा गया है। वर्षा के दौरान हर साल इन ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं।