मालन पुल टूटने पर ऋतु खंडूड़ी भूषण ने किया निरिक्षण, आपदा सचिव पर भड़कीं

0

कोटद्वार में मालन नदी पर बना पुल गुरुवार की सुबह पिलर धंसने से बीच से टूट गया। पुल टूटने की वजह पुल की सुरक्षा को लेकर हर स्तर पर लापरवाही हुई। वहीं पुल टुटने से कोटद्वार और भाबर क्षेत्र के दर्जनों गांवों का संपर्क एक-दूसरे से कट गया। घटना के बाद कोटद्वार विधायक और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने नदी पर सुरक्षा दीवार निर्माण को लेकर आपदा सचिव को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि नदी पर सुरक्षा दीवार निर्माण को लेकर आपदा सचिव की ओर से लापरवाही बरती गई है। फोन पर बात करते हुए ऋतु खंडूड़ी भूषण काफी गुस्से में नजर आईं, जिसको लेकर कोटद्वार विधायक ने आपदा सचिव से जवाब मांगा है।

सुरक्षा दीवार नहीं होने के चलते ढहा पुलनदी पर सुरक्षा दीवार नहीं होने के चलते बरसाती पानी के तेज बहाव में पुल ढह गया। इस लापरवाही पर कोटद्वार विधायक ऋतु खंडूड़ी ने आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा को फोन पर जमकर फटकार लगाई। ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि पुल ढह जाने की सारी जिम्मेदारी आपकी है। उन्होंने कहा कि मालन नदी पर पहले से ही सुरक्षा दीवार निर्माण को लेकर आपदा सचिव से पत्राचार किया गया था। यहां तक बतौर विधानसभा अध्यक्ष और विधायक उन्होंने भी नदी पर सुरक्षा दीवार हेतु प्रस्ताव भेजा था। जिसे सिरे से खारिज कर दिया गया और कहा गया कि यह मानकों पर खरा नहीं उतरता। ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि अब जब पुल ढह गया है कि दीवार निर्माण की अहमियत सामने आ रही है। कहा कि इस पुल के माध्यम से कोटद्वार और भाबर क्षेत्रों के दर्जनों गांवों को जोड़ा हुआ था, जो कि अब अलग-थलग हो चुके हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने तत्काल मालन नदी में आवागमन हेतु वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

खनन से पुलों की बुनियाद हुई खोखली

बता दें कि क्षेत्र में वर्ष 2017 से 2021 के बीच रीवर ट्रेनिंग के नाम पर हुए खनन ने पुलों की बुनियाद खोखली कर दी। बीते वर्ष सितंबर में जब सुखरो नदी पर बने पुल का पिलर धंसा, तभी यह स्पष्ट हो गया था। तब लोनिवि ने सुखरो पुल की मरम्मत की, लेकिन मालन नदी पर बने पुल का न तो उपचार हुआ और न खनन ही रोका गया। छह दिन तक हुई वर्षा से मालन नदी उफान पर है। इससे पुल के पिलर ध्वस्त होने का खतरा मंडरा रहा था।

पिलर धंसने से पुल का एक हिस्सा नदी में समाया

लोनिवि पिछले तीन-चार दिन से जेसीबी की मदद से नदी के बहाव को डायवर्ट कर पिलर बचाने का प्रयास कर रहा था। गुरुवार सुबह भी वर्षा के बीच लोनिवि दुगड्डा की टीम इस कार्य में जुटी थी। तभी करीब 10 बजे पिलर संख्या नौ के अचानक धंसने से पुल का एक हिस्सा नदी में समा गया। लोनिवि के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह ने बताया कि मालन सहित क्षेत्र के सात पुलों की मरम्मत और सुरक्षा दीवार बनाने के लिए शासन को 21 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन बजट नहीं मिला। खनिज न्यास निधि में भी पुलों की सुरक्षा को प्रस्ताव भेजा, मगर धनराशि स्वीकृत नहीं हुई।

25 हजार लोग प्रभावित

325 मीटर स्पान के इस पुल का निर्माण वर्ष 2010 में 12.35 करोड़ रुपये से हुआ था। पुल टूटने से 25 हजार की आबादी का कोटद्वार से सीधा संपर्क कट गया है। अब इन्हें कोटद्वार पहुंचने के लिए पांच किमी अतिरिक्त चलना पड़ेगा। यह वैकल्पिक मार्ग कच्चा और सिंगल लेन है। इसमें दो बरसाती नाले भी पड़ते हैं, जो वर्षाकाल में उफान पर रहते हैं।

Previous articleभारतीय सेना में नौकरी का सपना देख रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर, 3500 पदों पर निकली भर्ती
Next articleChandrayaan 3: चंद्रयान-3 हुआ लॉन्च, तीसरा मून मिशन शुरू लॉन्चिंग देखने पहुंचे हजारों लोग

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here