इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) हमेशा ही क्रिकेट को रोमांचक बनाने के लिए नए-नए नियमों को लॉन्च करती है। पिछले कुछ समय में क्रिकेट में कई सारे नियमों को बदला गया है, जबकि कई नियमों को संसोधित भी किया गया। इसमें मांकड़िंग से लेकर नो-बॉल और सॉफ्ट सिग्नल जैसे नियम रहे हैं। लेकिन इस बार कैरेबियन प्रीमियर लीग (CPL) में नया प्रयोग किया जा रहा है। इसमें फुटबॉल की तरह ही रेड कार्ड वाला नया नियम लाया जा रहा है। लेकिन यहां फुटबॉल के मुकाबले काफी अलग तरीके से यह नियम इस्तेमाल किया जाएगा।
17 अगस्त से शुरू होगा ये नया नियम
दरअसल, फुटबॉल मैच में रेफरी कभी भी प्लेयर को रेड कार्ड बता सकता है। मगर क्रिकेट में ऐसा नहीं होगा। यह रेड कार्ड पारी के आखिरी ओवर में ही इस्तेमाल हो सकेगा। वो भी तब जब गेंदबाजी करने वाली टीम तय समयानुसार ओवर पूरे नहीं कर सकेगी। यानी गेंदबाजी टीम के खिलाफ स्लो ओवर रेट के कारण ही यह रेड कार्ड इस्तेमाल होगा। बता दें कि कैरेबियन प्रीमियर लीग के इस 11वें सीजन का आगाज 17 अगस्त को होगा। इसी लीग में पहली बार यह नियम लागू होगा. यदि यहां ये नियम सफल रहता है, तो फिर इंटरनेशनल क्रिकेट में भी यह नियम लागू किया जा सकता है।
क्या है ये क्रिकेट में रेड कार्ड नियम?
- किसी भी टी20 मैच की एक पारी 85 मिनट की होती है. सभी टीमों को तय समयानुसार ही ओवर पूरे करने होते हैं।
17वां ओवर 72.15 मिनट, 18वां ओवर 76.30 मिनट, 19वां ओवर 80.45 मिनट और 20वां ओवर 85 मिनट तक खत्म होना चाहिए। - इसी दौरान अलग-अलग नियम लागू होंगे। यदि कोई टीम 18वें ओवर तक समय मैनेज नहीं कर सकी, तो 5 प्लेयर 30 यार्ड के अंदर होंगे।
- यदि 19वें ओवर के पहले स्लो-ओवर रेट होता है, तब दो प्लेयर 30 यार्ड सर्कल में होंगे। यानी कुल 6 प्लेयर 30 यार्ड सर्कल में होंगे।
- मगर 20वें ओवर से पहले स्लो-ओवर रेट है तो कप्तान अपने एक प्लेयर को मैदान से बाहर करेगा। साथ ही 6 खिलाड़ी 30 यार्ड में होंगे।
बल्लेबाजी टीम को भी मिलेगी ये कड़ी सजा
जरूरी नहीं है कि गेंदबाजी टीम के कारण ही स्लो-ओवर रेट होता है. यदि बैटिंग टीम की वजह से तय समय पर ओवर पूरे करने में देरी होती है, तो उन्हें भी कड़ी सजा मिलेगी. इस तरह की स्थिति में अंपायर बैटिंग को वॉर्निंग देगा. मगर यह गलती रिपीट होती है, तो फिर सजा के तौर पर 5 रन का जुर्माना लगाया जाएगा.