देहरादूनः पशुओं के भोजन में हरे चारे की खास भूमिका होती है। यह दुधारू पशुओं के लिए फायदेमंद होता है। हरे चारे के रूप में किसानों के पास सीमित विकल्प है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व सहकारिता मंत्री डाॅ धन सिंह रावत के प्रयासों से प्रदेश में वृहद स्तर पर साइलेज का उत्पदान किया जा रहा है। यह हरे चारे का सबसे बेहत्तर विकल्प है। इसे हरे मक्के से तैयार किया जा रहा है। हरा मक्का साइलेज निर्माण के लिए सबसे उत्तम विकल्प है। बहुउद्देशीय सहकारी समिति के माध्यम से देहरादून और हरिद्वार जनपद में संयुक्त खेती के तहत 500 एकड़ कृषि भूमि पर हरा मक्का का उत्पादन हो रहा है। जिससे लगभग 2500 मैट्रिक टन साइलेज का उत्पदान किया जा चुका है।
- हाइलाइट्स
- दुग्ध विकास मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत की पहल
- किसानों की आर्थिक मजबूत करने का लिया संकल्प
- हरे मक्के की सामूहिक खेती करेंगे किसान
- मक्के से निर्मित होगा साइलेज
- पशुओं के लिए पौष्टिक आहार है साइलेज
- दुग्ध उत्पादकों को पहुंचाया जायेगा साइलेज
- घर तक पहुंचायेगी सरकार साइलेज
- 50 प्रतिशत अनुदान पर मिलेगा साइलेज
- पर्वतीय और मैदानी दोनों क्षेत्रों में मिलेगी सुविधा
सहकारिता मंत्री डाॅ धन सिंह रावत का कहना है कि प्रदेश में हरे मक्के से बड़े पैमाने पर साइलेज का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए हरा मक्का अब हरा सोना साबित होगा। दरअसल किसान हरे मक्के की एक बार बुवाई कर उससे तीन या चार बार फसल प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बहुउद्देशीय सहकारी समिति कृषकों द्वारा उत्पादित हरे मक्के का व्ययभार खुद वहन किया जा रहा है और कृषकों द्वारा तैयार हरा मक्का समिति खुद क्रय भी कर रही है। ऐसे में किसानों को सीधे तौर पर दोहरा लाभ मिल रहा है।
क्या है योजना
पशुओं के लिए वर्षपर्यंत पौष्टिक और हरे चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा साइलेज एवं पशु पोषण योजना प्रारंभ की गई है। जिसके अंतर्गत प्रदेश में गठित दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों को 50 प्रतिशत अनुदान पर साइलेज (मक्के का हरा चारा) उपलग्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा साइलेज के ढुलान पर होने वाले व्यय की धनराशि भी अनुदान के रूप में दी जा रही है। इस योजना से प्रदेश के मैदानी तथा सुदूरवर्ती जनपदों में दुग्ध उत्पादकों को एक ही दर अर्थात रू 3.25 प्रति किलो की दर से उनके द्वार पर ही साइलेज की उपलब्धता आंचल के दुग्ध संघों के माध्यम से सुनिश्चित कराई जा रही है।
कौन होंगे लाभान्वित
सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना से दुग्ध सहकारी समिति के लगभग 50 हजार पोरर सदस्यों के साथ ही बहुउद्देशीय किसान सहकारी समिति के सैकड़ों कृषक लाभान्वित होंगे। योजना के सफलता पूर्वक संचालन से जहां एक ओर कृषकों की आय दोगुनी होगी वहीं पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार होगा और दूध की गुणवत्ता में वृद्धि होने से दुग्ध उत्पादकों को भी अधिक मूल्य प्राप्त होगा।