चर्चाः वेबीनार में बोले विशेषज्ञ कैंसर घातक, लेकिन जागरूता बचा सकती है जान

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ऋषिकेशः श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के ऋषिकेश कैंपस में आज मानव स्वास्थ्य और कैंसर की रोकथाम पर एक राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग के तत्वाधान आयोजित इस कार्यक्रम में ऑन लाइन माध्यम से कई विषय विशेषज्ञ जुटे। इस राष्ट्रीय गोष्ठि के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो पी पी ध्यानी थे। वेबिनार में बतौर मुख्य वक्ता जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (नई दिल्ली) के प्रो वाइस चांसलर प्रो. राणा प्रताप सिंह थे।

प्रो. पी.पी ध्यानी, कुलपति, SDSUV

कैंसर के लिए उत्तराखंड के औषधीय पौधों पर हो शोधः प्रो. ध्यानी
बतौर मुख्य अतिथि प्रो. पी.पी ध्यानी ने अपने संबोधन में कहा कि कैंसर के प्रति प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक होना जरूरी है। उन्होंने वेबीनार आयोजन समिति की सराहना करते हुए कहा कि कैंसर जैसे विषय पर वेबिनार का आयोजन करने के लिए विश्वविद्यालय की टीम बधाई की पात्र है। उन्होंने कहा कि ऐसी चर्चाएं होनी बहुत आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने विभाग से अपेक्षा की कि वह कैंसर के प्रति 15 दिन का जागरूकता अभियान चलाये। जिससे कैंसर से पीड़ित लोगों व उनके परिजनों को मानसिक तनाव से बचाया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने उत्तराखंड के औषधीय पौधों पर अनुसंधान करने का आह्वान भी किया। वहीं वेबिनार की सरंक्षक और प्राचार्या प्रो. सुधा भारद्वाज ने सभी प्रतिभागियों का आभार जताया। उन्होने कहा कि वेबीनार का आयोजन बहुत उपयोगी सिद्ध होगा।

प्रो राणा प्रताप सिंह, प्रो वाइस चांसलर, JNU

कैंसर घातक, लेकिन बचा जा सकता हैः प्रो. राणा
कैंसर विशेषज्ञ प्रो राणा प्रताप सिंह ने बताया कि WHO के आँकड़ो अनुसार 2020 तक विकासशील देशों में कैंसर से पीड़ित लोगों का आंकड़ा 20 लाख तक पहुँच जाएगा। ICMR के मुताबिक भारत मे अभी लगभग 17 लाख कैंसर के नए मरीज है जबकि 8 लाख की मृत्यु हो चुकी हैं। प्रो राणा ने बताया कि दुनिया भर में लगभग 200 प्रकार के कैंसर है। जिसमें से भारत में मुँह का कैंसर, गर्भाशय, सर्विसक्स, ब्रेस्ट कैंसर प्रमुखता से हैं। उन्होंने कैंसर के होने के कारणों पर चर्चा की और बताया कि यदि सभी जागरुक रहे तो कैंसर से बचा जा सकता है। उन्होंने कई औषधीय गुणों युक्त पोधों के बारे मे बताया जिनका उपयोग कर कैंसर से बचा जा सकता है। उन्होंने कैंसर जागरूकता के लिए चलाए जा रहे अनेको प्रोग्राम के बारे में भी जानकारी दी।

वेबिनार के आयोजन सचिव प्रो गुलशन कुमार ढींगरा ने बताया कि प्रो राणा प्रताप सिंह ने कैंसर के विभिन्न विषयों पर अनुसंधान किया है। उन्होंने अब तक कैंसर पर कई पुस्तक व शोध पत्र लिखें हैं। उन्होंने अपने शैक्षणिक करियर में कनाडा, अमेरिका, चीन, तुर्की आदि देशो में शैक्षिक उद्देश्य से कई भ्रमण किये। जिनका लाभ विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं उठा रही हैं। मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग की आयोजन समिति में प्रवक्ता श्रीमती शालिनी कोटियाल, सुश्री सफिया हसन,श्री अर्जुन पालीवाल एवं तकनीकी सहायता के लिए श्री देवेंद्र भट्ट तथा श्री विवेक राजभर ने सहयोग प्रदान किया।

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