सिलक्यारा सुरंग में 17 दिन तक फंसे रहे 41 श्रमवीरों ने टीवी शो इंडियन आइडल के मंच पर सुरंग के भीतर बिताए उन दिनों का संघर्ष बयां किया। इस दौरान उत्तराखंड के कोटद्वार निवासी गब्बर सिंह नेगी ने बताया कि वह किस तरह सुरंग में फंसे अपने साथियों को हिम्मत बंधाते रहे। गब्बर सिंह और उनके साथियों की आप बीती सुनकर शो में उपस्थित निर्णायक मंडल के सदस्य व अन्य लोग भावुक हो गए।
दिवाली की शाम फंसे थे 41 मजदूर
उत्तरकाशी के सिलक्यारा में चारधाम आलवेदर रोड परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में 12 नवंबर की सुबह 5:30 बजे भूस्खलन होने से नवयुग इंजीनियरिग कंपनी में फोरमैन गब्बर सिंह नेगी समेत 41 श्रमवीर फंस गए थे। सभी को 17 दिन तक युद्धस्तर पर चले बचाव अभियान के बाद 28 नवंबर को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था। शनिवार को प्रसारित इंडियन आइडल के एपीसोड में इन श्रमवीरों को आमंत्रित किया गया था।
कुमार सानू ने की श्रमवीरों के संघर्ष की सराहना
शो के दौरान सभी 41 श्रमवीरों को मंच पर बुलाया गया, जहां गायक कुमार सानू ने एक-एक कर उनका परिचय प्राप्त किया। साथ ही उनके संघर्ष की सराहना की और पूरे देश को उनके धैर्य व साहस से अवगत कराया।
छिप-छिप कर रोते थे
इस दौरान गब्बर सिंह नेगी सुरंग में बिताए उन दिनों के बारे में बताते हुए भावुक हो गए। गब्बर सिंह ने बताया कि सुबह जब वह सुरंग से निकलने की तैयारी कर रहे थे, तभी कुछ गिरने की आवाज आई। वह अपने दो साथियों के साथ भूस्खलन क्षेत्र में पहुंचे तो दृश्य देखकर घबरा गए, लेकिन उन्होंने अपना डर साथियों को महसूस नहीं होने दिया। साथियों का हौसला न टूटे, इसके लिए वह छिप-छिप कर रोते थे। साथ ही उन्हें समझाते रहे कि किसी भी स्थिति में हमें हिम्मत नहीं हारनी है।
सुरंग के ऊपर से टपकते पानी से बुझाया प्यास
गब्बर सिंह ने बताया कि भोजन की आपूर्ति शुरू होने से पहले उन्होंने और उनके साथियों ने किस तरह मूंगफली व केले के छिलके से पेट भरा। साथ ही सुरंग के ऊपर से टपकते पानी का उपयोग किया। गब्बर सिंह ने शो के दौरान एक प्रतिभागी उत्कर्ष बाखड़े से गीत सुनाने की मांग की, जिसे उन्होंने सहर्ष पूरा किया।