हर चुनौती से निपटने को तैयार है स्वास्थ्य विभागः डॉ. धन सिंह रावत

0

नई दिल्ली। कोविड-19 के नये वेरेएंट से निपटने के लिये केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में आयोजित देशभर के स्वास्थ्य मंत्रियों की उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी प्रतिभाग किया। जिसमें उन्होंने देश के कुछ राज्यों में इन्फ्लूएंजा और कोविड-19 जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों में हालिया वृद्धि को देखते हुए राज्य सरकार की तैयारियों का ब्योरा रखा। डॉ. रावत ने बताया कि राज्य में स्वास्थ्य विभाग किसी भी परिस्थिति से निपटने को पूरी तरह से तैयार है। इस संबंध में सभी जनपदों के जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को सरकार की ओर से जरूरी दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने नई दिल्ली स्थित केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में इन्फ्लूएंजा और कोविड-19 जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों के बढ़ते प्रकोप को लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं और सेवाओं की तैयारी पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों एवं उच्चाधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड-19 के नये वैरिएंट की आहट के प्रति सभी राज्यों को तत्काल कदम उठाने, निगरानी बढ़ाने तथा लोगों से प्रभावी संवाद स्थापित करने को कहा है। उन्होंने किसी भी प्रकार की चुनौती से निपटने के लिये आपसी तालमेल के साथ कार्य करने के दिशा-निर्देश दिये। बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य सुविधाओं के बेहतर क्रियान्वयन व सकारात्मक दृष्टिकोण के लिये सभी राज्यों की सराहना की। हालांकि पूरे देश के स्वास्थ्य मंत्रियों ने बैठक में वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया जबकि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने नई दिल्ली प्रवास पर होने के चलते केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में ही मौजूद होकर बैठक में प्रतिभाग किया।

बैठक में डॉ. रावत ने कोरोना के नये वैरिएंट के बढ़ते प्रकोप को लेकर राज्य सरकार की तैयारियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग किसी भी परिस्थिति से निपटने को पूरी तरह से तैयार है। इन्फ्लूएंजा और कोविड-19 जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों के बढ़ते केसों को देखते हुये राज्य में स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर रखा गया है साथ ही सभी जिला अधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दे दिये गये हैं। अस्पतालों में अधिक से अधिक संख्या में आरटी-पीसीआर एवं एंटीजन जांच सुनिश्चित करने को भी अधिकारियों को कहा गया है। डॉ. रावत ने बताया कि अभी तक राज्य में कोविड-19 के नये वैरिएंट का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) की नियमित निगरानी की जा रही है। किसी भी चुनौती से निपटने के लिये राज्य में पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधाएं एवं मानव संसाधन उपलब्ध है। जिसमें 5,893 ऑक्सीजन सपोर्टेड आइसोलेशन बेड, 1,204 आई0सी0यू0 बेड, 894 आई0सी0यू0 बेड मय वेन्टिलेटर, 1,298 क्रियाशील वेन्टिलेटर, 7,561 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर, 15,950 ऑक्सीजन सिलेन्डर, 93 क्रियाशील पी0एस0ए0 प्लांट, 807 क्रियाशील एल0एम0ओ0 स्टोरेज टैंक उपलब्ध हैं। इसके साथ ही कोविड-19 प्रबंधन में प्रशिक्षित 3,161 पैरामेडिकल स्टॉफ की टीम शामिल है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया की भारत सरकार के निरंतर सहयोग से राज्य दवाओं, ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर, टीकों का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने में सक्षम है वहीं अधिकारियों की कार्यक्षमता पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जायेगा।

Previous articleउत्तराखंड में राज्य कर्मचारियों और पेंशनधारियों की बल्ले-बल्ले, जल्द मिलेगी चार फीसदी डीए की सौगात
Next articleसड़कों से जुड़ेंगे प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र, यह है सरकार की योजना

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here