प्रदेश में बारिश न होने की वजह से पहाड़ से लेकर मैदान तक सूखी ठंड लोगों को परेशान कर रही है। उधर मौसम वैज्ञानिकों का कहना है अगले कुछ समय तक प्रदेश भर में ऐसा ही मौसम देखने को मिलेगा। विंटर में बारिश न होने की वजह से दिन और रात के तापमान में काफी अंतर देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि सुबह-शाम ठंड बढ़ने के साथ मैदानी इलाकों में कोहरा छाने लगा है। मौसम के बदले पैटर्न के चलते बीते साल से सर्दियों में बारिश के आंकड़ों में कमी दर्ज की गई है। यही वजह है कि प्रदेश भर में सूखी ठंड लोगों को परेशान कर रही है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है बारिश न होने की वजह से पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी नहीं हो रही है। बारिश और बर्फबारी के बाद रिकॉर्ड किया जाने वाला दिन और रात के तापमान के अंतर भी कम होगा। इसके अलावा बारिश-बर्फबारी के बाद मौसम सुहावना होगा। जबकि मैदानी इलाकों में कोहरे का भी असर कम होगा।
इस महीने 50 फीसदी भी नहीं हुई बारिश
मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी आंकड़ों पर नजर डाले तो एक से 17 दिसंबर तक प्रदेश भर में 4.4 एमएम बारिश हुई, जबकि अभी तक 8.2 एमएम बारिश होनी थी। उधर बारिश न होने की वजह से मैदानी इलाकों में सुबह के समय कोहरा तो पहाड़ों में पाला सता रहा है।
23 दिसंबर तक शुष्क रहेगा मौसम
मौसम निदेशक बिक्रम सिंह का कहना है कि विंटर बारिश न होने की वजह से पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी नहीं हो पा रही है। सूखी ठंड होने की यही वजह है। उधर मौसम के पूर्वानुमान में नजर डालें तो 23 दिसंबर तक प्रदेश भर का मौसम शुष्क रहेगा। रही बात दिन और रात के तापमान के अंतर की तो बारिश और बर्फबारी होने के बाद यह अंतर कम देखने को मिलेगा।