नेपाल द्वारा अपने नये नक्शे को संविधानिक मंजूरी देने पर भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा एक बयान जारी किया गया है। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रतिनिधि अनुराग श्रीवास्तव ने नक्शे को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया है। भारत ने दो टूक कहा कि यह नक्श एतिहासिक तथ्यों और सबूतों से परे है।
नई दिल्ली : नेपाल की संसद ने देश के विवादित राजनीतिक नक्शे को लेकर पेश किए गए संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही भारत से चल रहे सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच उसने बातचीत की उम्मीद को लगभाग समाप्त कर दिया है। बता देंं कि नेपाल के इस नए नक्शे में भारतीय सीमा से लगे लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को दिखाया गया है।
नेपाल के इस हरकत के बाद विदेश मंत्रालय की ओर से बयान जारी किया गया है। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रतिनिधि अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि हमने गौर किया है कि नेपाल की प्रतिनिधिसभा ने भारतीय क्षेत्र को शामिल करने के लिए नेपाल के नक्शे को बदलने के लिए एक संविधान संशोधन विधेयक पारित किया है। हमने इस मामले पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है।
नेपाली संसद ने विवादित नक्शे को दी मंजूरी…
प्रवक्ता ने कहा, दावों का यह कृत्रिम इजाफा ऐतिहासिक तथ्य या सबूतों पर आधारित नहीं है और न ही इसका कोई मतलब है। यह लंबित सीमा मुद्दों पर बातचीत करने के लिए हमारी मौजूदा समझ का भी उल्लंघन है।