हक में फैसलाः जबरन नहीं हटेंगे उपनल कर्मी, सरकार ने दिलाया भरोसा

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देहरादूनः उत्तराखंड सरकार ने 21 हजार उपनल कर्मियों को भरोसा दिलाया है कि उन्हें अकारण नहीं हटाया जायेगा। इसके लिए शासन ने बकायदा शासनादेश जारी किया। जिसके बाद हजारों उपनल कर्मियों ने राहत की सांस ली। वहीं सरकार ने आश्वस्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लि. (उपनल) से आउटसोर्स पर तैनात जिन कर्मचारियों को बिना कारण हटाया गया उन्हें दोबारा रखा जायेगा। नियुक्ति अधिकारी उपलब्ध खाली पदों के सापेक्ष उन्हें आवेदन के एक माह में आउटसोर्स पर रखेंगे। इसके लिए विभागाध्यक्ष, कार्यालयाध्यक्ष और नियुक्ति अधिकारी की जिम्मेदारी तय की गई है।

इस संबंध में सोमवार को अपर मुख्य सचिव सैनिक कल्याण विभाग राधा रतूड़ी ने सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, प्रभारी सचिवों, मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, सभी विभागाध्यक्षों व कार्यालयाध्यक्षों तथा उपनल के प्रबंध निदेशक को आदेश जारी किया हैं। जारी शासनादेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि विभिन्न विभागों द्वारा उपनल कर्मियों को बिना कारण हटाया गया है। ऐसे कर्मचारी यदि कदाचार, अनुशासनहीनता, अयोग्यता व अकार्य कुशलता के दोषी नहीं हैं तो उन्हें पद उपलब्ध होने एवं अन्य अर्हता पूरी करने पर दोबारा आउटसोर्स पर रखा जाएगा।

वहीं जारी आदेश में कहा गया है कि वर्तमान परिस्थितियों में यदि जनहित व शासकीय हित में ऐसे कर्मचारियों की आवश्यकता है तो उनको नियुक्त करने की प्रक्रिया को जारी रखा जा सकता है। आदेश में बेवजह हटाए गए कार्मिकों को उपनल के माध्यम से दोबारा समायोजित करने की कार्रवाई करने को कहा गया है। साथ ही ताकीद दी गई है कि इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए संबंधित विभाग एवं कार्यालय के नियुक्ति अधिकारी, कार्यालयाध्यक्ष व विभागाध्यक्ष जिम्मेदार होंगे। 

500 कर्मी किये थे सेवामुक्त
उत्तराखंड उपनल कर्मचारी महासंघ ने जारी शासनादेश पर खुशी व्यक्त और कहा कि अब उपनल कर्मियों का उत्पीड़न कम होगा और उपनल कर्मियों के हटाया जाना बंद होगा। महासंघ ने बताया कि अब तक करीब 500 उपनल कर्मियों को हटाया जा चुका है। उत्तराखंड उपनल कर्मचारी महासंघ ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का आभार व्यक्त किया।

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