जश्न-ए-आज़ादीः राष्ट्रपति का देश के नाम संदेश, चीन को चेतावनी; अशांति पैदा की तो मिलेगा माकूल जवाब

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74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश को संबोधित किया। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने देशवासियों को 74वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकमानाएं दी हैं। राष्ट्रपति ने राष्ट्र के नाम संदेश में बिना नाम लिए चीन पर हमला किया और कहा कि जब पूरी दुनिया को कोरोना के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत थी तब हमारे पड़ोसी ने चालाकी से विस्तारवादी गतिविधियों को अंजाम देने का दुस्साहस किया। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत शांति में यकीन करता है लेकिन अगर किसी ने कोई हिमाकत की तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा।

नई दिल्लीः 74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों के नाम अपना संदेश दिया। 74वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए, उन्होंने गलवान घाटी के बलिदानियों को नमन किया और कहा कि जब पूरी दुनिया को एकजुट होकर कोरोना महामारी का मुकाबला करने की जरूरत थी, तब हमारे पड़ोसी ने चालाकी से अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को अंजाम देने का दुस्साहस किया। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में विस्तारवादी चीन को दो टूक संदेश दिया कि भारत शांति में यकीन करता है लेकिन अगर किसी ने कोई हिमाकत की तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा। राष्ट्रपति ने देश के नाम अपने संबोधन में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनातनी, कोरोना संकट, देश के तमाम हिस्सों में बाढ़ या तूफान जैसी प्राकृतिक विभिषिकाओं समेत तमाम मुद्दों का जिक्र किया।

सशस्त्र और अर्धसैनिक बलों पर गर्व
राष्‍ट्रपति ने कहा कि हमें अपने सशस्त्र, पुलिस और अर्धसैनिक बलों पर गर्व है जो सीमाओं की रक्षा करते हैं और हमारी आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। हम सौभाग्यशाली हैं कि महात्मा गांधी हमारे स्वाधीनता आंदोलन के मार्गदर्शक रहे। उनके व्यक्तित्व में एक संत और राजनेता का जो समन्वय दिखाई देता है वह भारत की मिट्टी में ही संभव था। राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहा है जिसका अर्थ स्वयं सक्षम होना है। इसका अर्थ दुनिया से अलगाव या दूरी बनाना नहीं है। इसका अर्थ यह भी है कि भारत वैश्विक बाजार व्यवस्था में शामिल भी रहेगा और अपनी विशेष पहचान भी कायम रखेगा।

कोरोना के खिलाफ उठाए गए कदम
महामहिम ने कहा कि इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के उत्सवों में हमेशा की तरह धूम-धाम नहीं होगी। इसका कारण स्पष्ट है। मौजूदा वक्‍त में पूरी दुनिया एक ऐसे घातक वायरस से जूझ रही है। इस वायरस ने जन-जीवन को भारी क्षति पहुंचाई है और हर प्रकार की गतिविधियों में बाधा उत्पन्न की है लेकिन यह आश्‍वस्‍त करने वाली वाली बात है कि इस चुनौती का सामना करने के लिए केंद्र सरकार ने समय रहते प्रभावी कदम उठा‍ लिए थे। सरकार के असाधारण प्रयासों की बदौलत घनी आबादी और विविध परिस्थितियों वाले हमारे विशाल देश में इस चुनौती का सामना किया जा रहा है।

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