नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने तकनीकी विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार डाॅ. अनीता रावत के कुलसचिव के तौर उनके नियुक्ति आदेश को स्थगित कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने रजिस्ट्रार के कार्य करने पर भी रोक लगा दी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट के फेसले के बाद डाॅ अनीता रावत का कुलसचिव पद से हटना तय हो गया है।
देहरादून निवासी अधिवक्ता दिवाकर चमोली ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर डाॅ. अनीता रावत की नियुक्ति को चुनौती दी थी। याचिका में कहा था कि उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत डॉ. अनीता रावत की नियुक्ति विश्वविद्यालय के रेगुलेशन व योग्यता के अनुसार नहीं है। जबकि विवि रेगुलेशन के तहत रजिस्ट्रार का बीटेक पास होना जरूरी है लेकिन डाॅ. अनीता रावत के पास बीटेक की डिग्री नहीं है। इसके बावजूद भी उन्हें विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है।
इससे पूर्व उत्तराखंड की राज्यपाल ने भी डाॅ. अनीता रावत की नियुक्ति को गलत ठहराया था। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के कुलपति के प्रत्यावेदन पर साफ कर दिया था कि उनकी नियुक्ति गलत है। याचिकाकर्ता का कहना है कि कुलाधिपति द्वारा पद से हटाये जाने के बावजूद भी उन्हें पद से नहीं हटाया गया। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने तकनीकी विश्वविद्यालय देहरादून की रजिस्ट्रार के कार्य करने पर रोक लगा दी है।