उत्तराखंड में इस बिमारी को लेकर अलर्ट, हो सकता है जान का खतरा, ऐसें करें बचाव

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केरल के अलप्पुझा जिले में बर्ड फ्लू के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। आलम यह है कि जिले में बर्ड फ्लू के प्रकोप के बीच अधिकारियों ने इस साल अब तक 53 हजार से अधिक मुर्गियों और बत्तखों को मार दिया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी। वहीं केरल में बतखों में एवियन इनफ्लूएंजा वायरस से हालात बिगड़ने के बाद अब उत्तराखंड में भी बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। पशुपालन निदेशालय ने सभी जिलों के पशु चिकित्सकों को बर्ड फ्लू की निगरानी के लिए निर्देश दिए हैं। पक्षियों की असामान्य मृत्यु होने पर उनके सैंपल भोपाल स्थित हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज लैब भेजे जाएंगे। वायरस की पुष्टि होने पर संबंधित क्षेत्र के एक किमी की रेंज में मुर्गे-मुर्गियों को मार दिया जाएगा। पशुपालन विभाग प्रदेशभर में स्थित जलाशयों में प्रवासी पक्षियों की भी निगरानी कर रहा है। पशुपालन विभाग के मुताबिक प्रवासी पक्षियों के संपर्क में आने और उनकी बीट से भी अन्य पक्षियों में वायरस फैल जाता है। इस तरह की स्थिति को देखते हुए पशुपालन निदेशक ड़ॉ. नीरज सिंघल ने प्रदेश भर में अलर्ट जारी किया है।

आपको बता दें कि यह एवियन इनफ्लूएंजा (एच5एन1) वायरस सभी तरह की पक्षी प्रजाति में फैल सकता है। इसकी रोकथाम को मुर्गे-मुर्गियां या बतखों के फार्म के पास बड़े पेड़ों की लापिंग-चापिंग कर सकते हैं। दरअसल, बर्ड फ्लू के रोकथाम के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है।  पक्षियों में एवियन इनफ्लूएंजा वायरस पाजिटिव आने पर उन्हें सीधे मार दिया जाता है। उसके आसपास की पक्षियों और एक किलोमीटर की रेंज में स्थित पक्षियों को भी मार दिया जाता है, ताकि यह वायरस अन्य पक्षियों में न फैल सके। बर्ड फ्लू से बचने के लिए संक्रमित पक्षियों को संभालने वालों को दस्ताने पहनना चाहिए, साथ ही चेहरे में मास्क पहनना जरूरी है।

क्या है बर्ड फ्लू?

बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लुएंजा भी कहते हैं, जो एक वायरल इन्फेक्शन है ये पक्षियों से पक्षियों में फैलता है और ज्यादातर पक्षियों के लिए जानलेवा भी साबित होता है।

 

क्या इंसानों में भी फैल सकता है बर्ड फ्लू?

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, बर्ड फ्लू या एवियन फ्लू A टाइप का इन्फ्लुएंजा वायरस है, जो इंसानों के साथ-साथ जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है।
  • जब कोई इंसान किसी संक्रमित पक्षी से सीधे तौर पर संपर्क में आता है तो उसके भी बर्ड फ्लू से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के मुताबिक अभी तक इंसानों के बर्ड फ्लू से संक्रमित होने के मामले कम ही सामने आए हैं, लेकिन इंसान भी बर्ड फ्लू से संक्रमित हो सकते हैं।
  • बर्ड फ्लू का सबसे खतरनाक वायरस H5N1 होता है, जिससे संक्रमित होने पर ज्यादातर लोगों की मौत हो जाती है।

बर्ड फ्लू के लक्षण

  • अगर कोई व्यक्ति बर्ड फ्लू से संक्रमित हो गया है तो उसमें हल्के से लेकर गंभीर लक्षण भी सकते हैं, हल्के लक्षणों में दस्त, नजला, उल्टी शामिल हैं।
  • संक्रमित लोगों को बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना, मांसपेशियां या शरीर में दर्द, सिदर्द, थकान, सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
  • वहीं, गंभीर लणों में तेज बुखार या निमोनिया भी हो सकता है, जिससे मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की जररूत पड़ सकती है। कई मामलों में व्यक्ति की मौत भी हो सकती है

बर्ड फ्लू का इलाज

  • अगर कोई व्यक्ति बर्ड फ्लू से संक्रमित होता है, तो एंटीवायरल दवाओं से उसका इलाज किया जा सकता है।
  • WHO के मुताबिक, संक्रमित व्यक्ति का कम से कम पांच दिन इलाज किया जाना चाहिए, अगर उसकी हालत में सुधार नहीं है तो इलाज को आगे बढ़ाया जा सकता है।
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