उत्तराखंड के कई जिलों में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी किसान सम्मान निधि योजना की धनराशि (6 हजार रुपये प्रतिवर्ष, प्रति किसान) हजारों मृतकों को बांटने का मामला सामने आया है। कृषि विभाग के ई-केवाईसी अभियान के दौरान इस बात का खुलासा हुआ है। जिसके बाद विभाग ने पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा जनपद में करीब ढाई हजार मृत लाभार्थियों के परिजनों से धनराशि की रिकवरी भी शुरू कर दी है।
200 से अधिक किसानों की मौत फिर भी मिल रहा लाभ
सीमांत में बीते फरवरी माह के दौरान कृषि विभाग ने किसान सम्मान निधि पाने वाले लाभार्थियों का ई-केवाईसी कराने को लेकर अभियान चलाया था। इस दौरान सामने आया कि योजना का लाभ पाने वाले 200 से अधिक किसानों की पूर्व में ही मौत हो चुकी है। कई लाभार्थी तो ऐसे थे, जिनकी मौत एक से डेढ़ वर्ष पहले ही हो चुकी थी, लेकिन परिजनों की ओर से विभाग को कोई जानकारी नहीं देने के कारण योजना के तहत धनराशि मृतकों के खातों में आती रही। मामला सामने आने के बाद विभाग ने संबंधित लाभार्थियों के परिजनों से रिकवरी शुरू की। विभाग के मुताबिक, अब तक तकरीबन 55 लाख रुपये मृतक लाभार्थियों से वसूले जा चुके हैं।
अल्मोड़ा जनपद में 2368 लाभार्थियों की हो चुकी मौत
अल्मोड़ा जिले में किसान सम्मान निधि पाने वाले मृतक लाभार्थियों की संख्या कहीं अधिक मिली। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, अल्मोड़ा जिले में 2,368 मृतक लाभार्थियों को चिह्नित किया गया है। विभाग ने संबंधित लाभार्थियों के परिजनों से रिकवरी भी शुरू कर दी है।
छह हजार रुपये प्रतिवर्ष मिलती है किसान निधि
केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में किसान परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी। किसान सम्मान निधि के तहत प्रत्येक लाभार्थी के खाते में प्रतिवर्ष छह हजार रुपये डीबीटी के जरिये मिलते हैं। पिथौरागढ़ में अभी 53 हजार से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।
पिथौरागढ़ की मुख्य कृषि अधिकारी रितु टम्टा ने बताया कि फरवरी से अप्रैल 2024 के बीच किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों की ई-केवाईसी कराई गई। जांच में पिथौरागढ़ जिले में 200 से अधिक लाभार्थियों के निधन होने की सूचना मिली। संबंधित लाभार्थियों के परिजनों से 55 लाख रुपये रिकवर कर लिए गए हैं।