अगस्त में CDSCO ने भारतीय बाजार में 156 से अधिक फिक्स्ड डोज वाले ऐसे ड्रग कॉम्बिनेशंस पर प्रतिबंध लगा दिया, जो इंसानों के लिए जोखिम पैदा करने वाले हैं। इन दवाओं में लोकप्रिय फीवर ड्रग्स, पेन किलर्स और एलर्जी टैबलेट्स शामिल थीं। ड्रग रेगुलेटर की लिस्ट में दवा कंपनियों के जवाब भी हैं
53 दवाइयां भारत के ड्रग रेगुलेटर की ओर से किए गए क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गई हैं। इन दवाओं में कैल्शियम और विटामिन D3 सप्लीमेंट्स, एंटी डायबिटीज पिल्स, पैरासीटामोल और हाई ब्लड प्रेशर मेडिसिन शामिल हैं। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने अपनी नई मंथली ड्रग अलर्ट लिस्ट में 53 दवाओं के लिए “नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी (NSQ) अलर्ट” जारी किया है।
NSQ अलर्ट स्टेट ड्रग ऑफिसर्स की ओर से की जाने वाली रैंडम मंथली सैंपलिंग से जनरेट होते हैं। विटामिन C और D3 टैबलेट शेल्कल, विटामिन B कॉम्प्लेक्स और विटामिन C सॉफ्टजेल, एंटीएसिड पैन-डी, पैरासिटामोल टैबलेट IP 500 mg, एंटी डायबिटिक दवा ग्लिमेपिराइड, हाई ब्लड प्रेशर की दवा टेल्मिसर्टन समेत कई अन्य दवाएं उन 53 सबसे अधिक बिकने वाली दवाओं में शामिल हैं, जिन्हें ड्रग रेगुलेटर के क्वालिटी टेस्ट में विफल रहीं।
ये दवाइयां हेटेरो ड्रग्स, एल्केम लैबोरेटरीज, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड (HAL), कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, मेग लाइफसाइंसेज, प्योर एंड क्योर हेल्थकेयर आदि द्वारा बनाई जाती हैं। स्टमक इनफेक्शन के इलाज के लिए बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की जाने वाली दवा मेट्रोनिडाजोल भी उन दवाओं में शामिल है, जो क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गईं। इसे सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड बनाती है। इसी तरह, स्टोरेंट फार्मास्युटिकल्स द्वारा डिस्ट्रीब्यूटेड और उत्तराखंड स्थित प्योर एंड क्योर हेल्थकेयर द्वारा बनाई जाने वाली शेल्कल भी टेस्ट में नाकाम रही।
कोलकाता की एक ड्रग-टेस्टिंग लैब ने एल्केम हेल्थ साइंस के एंटीबायोटिक्स क्लैवम 625 और पैन डी को नकली माना है। इसी लैब ने हैदराबाद स्थित हेटेरो के सेपोडेम एक्सपी 50 ड्राई सस्पेंशन को सबस्टैंडर्ड पाया है। यह दवा गंभीर बैक्टीरियल इनफेक्शन से जूझ रहे बच्चों के लिए है। कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड की पैरासिटामोल गोलियों को भी गुणवत्ता संबंधी चिंताओं के लिए चिह्नित किया गया है।
क्या है दवा कंपनियों का जवाब
ड्रग रेगुलेटर की लिस्ट में दवा कंपनियों के जवाब भी हैं। हालांकि, रिस्पॉन्सेज से संकेत मिलता है कि कंपनियों ने दवाओं की जिम्मेदारी लेने से इनकार करते हुए कहा कि वे “नकली” हैं। उनके जवाब में लिखा गया है, “वास्तविक निर्माता (लेबल दावे के अनुसार) ने सूचित किया है कि प्रोडक्ट के संदिग्ध बैच का निर्माण उनके द्वारा नहीं किया गया है और यह एक नकली दवा है। प्रोडक्ट नकली होने का दावा किया जाता है। इसकी जांच के नतीजे आना अभी बाकी है।”