पंतनगरः पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. तेज प्रताप ने खेत में उतर कर धन की रोपाई कर इस फसली चक्र का शुभारम्भ किया। विश्वविद्यालय के प्रजनक बीज उत्पदान केंद्र पर कुलपति डाॅ तेज प्रताप ने इस श्रीगणेश किया। इस मौके पर कुलपति ने बताया कि कोरोना काल में सभी श्रमिक सरकार द्वारा निर्देशित मानकों का पालन करते हुए देश की इस विपरीत परिस्थितियों में श्रम के जरिये इस पर विजय पाने में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं।
इस अवसर पर निदेशक शोध डाॅ.0 नैन ने बताया कि प्रत्येक वर्ष केंद्र पर आठ हजार कुंतल प्रजनक बीजों का उत्पादन किया जाता है। जिसमें उत्पादित आधार एवं प्रमाणितकृत बीजों से लगभग 429 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में रबी और खरीफ की विभिन्न फसलों का उत्पादन किया जाता है। साथ ही उन्होंने बताया कि खरीफ के 10 फसलों के लगभग 60 प्रजातियों की कुल 23 सौ कुंतल प्रजनक बीज का उत्पादन होता है। इसमें धान, सोयाबीन, अरहर, मक्का, उर्द, मूंग एवं ज्वार आदि प्रमुख है।
संयुक्त निदेशक डा. पीएस.शुक्ल ने बताया कि इस वर्ष धान की पंत धान 22, 24, 26 एवं 28 आदि नवीन प्रजातियों के साथ-साथ अरहर की प्रजाति पंत अरहर 6 व 7, उर्द की पंत उर्द 10 को बहुतायत क्षेत्रफल में लगाया जा सकता है।