पुनर्निर्माणः बदरीनाथ का मास्टर प्लान देख संतुष्ट हुए मोदी, बना रहेगा पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व

0

देहरादूनः केदारनाथ धाम की तर्ज पर राज्य सरकार बदरीनाथ धाम को संवारने में जुटी है। जिसके लिए बकायदा मास्टर प्लान तैयार किया गया है। जिसे आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष प्रस्तुत किया। वीडियो वीडियो कांफ्रेंसिग जरिये बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान का इस दौरान प्रस्तुतीकरण दिया गया। साथ ही केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी भी पीएम को दी गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव दिलीप जावलकर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 

पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व रहे बरकरारः पीएम
बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान के प्रस्तुतिकरण के दौरान पीएम ने कहा कि मास्टर प्लान में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि वहां का पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व बना रहे। धाम को स्मार्ट, स्पिरीचुअल सिटी के रूप में विकसित किया जाए। होम स्टे भी विकसित किये जा सकते हैं। निकटवर्ती अन्य आध्यात्मिक स्थलों को भी इससे जोङा जाए। बदरीनाथ धाम के प्रवेश स्थल पर विशेष लाइटिंग की व्यवस्था हो जो आध्यात्मिक वातावरण के अनुरूप हो। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की। 

भव्य बनेगा बदरीनाथ धामः त्रिवेंद्र
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि बदरीनाथ धाम व केदारनाथ धाम के विकास कार्यों में स्थानीय लोगों का सहयोग मिल रहा है। दोनों धाम को विकसित किया जायेगा। वहीं उन्होंने कहा कि निकटवर्ती गांवों में होम स्टे पर काम किया जा रहा है। सरस्वती व अलकनंदा के संगम स्थल केशवप्रयाग को भी विकसित किया जा सकता है। बदरीनाथ धाम में व्यास व गणेश गुफा का विशेष महत्व है। इनके पौराणिक महत्व की जानकारी भी श्रद्धालुओं को मिलनी चाहिए। बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर काम करने में भूमि की समस्या नहीं होगी। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और चारधाम राजमार्ग परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। इससे श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा काफी सुविधाजनक हो जाएगी। 

मास्टर प्लान के मुख्य बातें
बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि इसमें 85 हैक्टेयर क्षेत्र लिया गया है। देवदर्शिनी स्थल विकसित किया जाएगा। एक संग्रहालय व आर्ट गैलेरी भी बनाई जाएगी। दृश्य एवं श्रव्य माध्यम से दशावतार के बारे में जानकारी दी जाएगी। बदरीनाथ मास्टर प्लान को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। मास्टर प्लान को पर्वतीय परिवेश के अनुकूल बनाया गया है। 

इस अवसर पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शंकराचार्य जी के समाधि स्थल का काम तेजी से चल रहा है। सरस्वती घाट पर आस्था पथ का काम पूरा हो गया है। दो ध्यान गुफाओं का काम इस माह के अंत तक पूर्ण हो जाएगा। ब्रह्म कमल की नर्सरी के लिए स्थान चिन्हित कर लिया गया है। गरूङचट्टी में ब्रिज का पुनर्निर्माण कर लिया गया है।

Previous articleपीएम-स्वनिधि योजनाः पिछले 6 साल में गरीबों के लिए हुए बड़े काम-पीएम
Next articleहिमालय दिवसः उपराष्ट्रपति ने किया केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. निशंक की पुस्तक का विमोचन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here