देहरादूनः शिक्षक दिवस पर गुरूओं के सम्मान की बात करने वाली सरकार पिछले तीन महीनों से शिक्षकों को वेतन नहीं दे पाई है। जिस वजह से प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षक और कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। कई बार सरकार और विभाग को आगाह करने के बाद भी समस्य हल न होने से शिक्षकों और कर्मचारियों में रोष बढ़ने लगा है। शिक्षक संघ का कहना है कि अगर 14 सितंबर तक वेतन जारी नहीं हुआ तो माध्यमिक शिक्षक संघ की देहरादून इकाई मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में धरना देने को बाध्य होंगे। वहीं माध्यमिक शिक्षणेत्तर एसोसिएशन ने भी प्रदेश व्यापी धरने की हुंकार भर दी है।
विगत तीन-चार महीनों से वेतन न मिलने के संबंध में माध्यमिक शिक्षक संघ की देहरादून इकाई ने ऑनलाइन बैठक कर चर्चा की। संघ के पदाधिकारियों ने एक स्वर में शिक्षा विभाग और राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया। संघ के जिला महामंत्री अनिल नौटियाल ने बताया कि अकेले देहरादून में 150 अशासकीय स्कूलों के करीब 2500 शिक्षक और कर्मचारी वेतन के लिए तरस गए हैं। कई शिक्षकों को बैंक से नोटिस आने शुरू हो गए हैं, बच्चों की स्कूल की फीस समेत अन्य कई खर्चे उठाना मुश्किल हो गये हैं लेकिन सरकार को इससे कोई सरोकार नहीं है। बल्कि उल्टे पेंच फंसा कर शिक्षकों को आर्थिक संकट में डाल रही है।
कोरोना जैसी महामारी में प्रदेश के लगभग 15000 शिक्षक एवं कर्मचारियों को पिछले तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है। कई जिलों में तो 5 महीने से वेतन जारी नहीं हुआ है। शिक्षक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि ऐसी स्थिति में धरने और सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के सिवाय उनके पास दूसरा कोई रास्ता नहीं है। एसोसिएशन ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर 14 सितंबर तक किसी भी हाल में वेतन जारी करने की मांग की है। इसके बाद भी वेतन जारी नहीं हुआ तो परिसर में लगातार धरना देने की चेतावनी दी है।
वहीं माध्यमिक शिक्षणेत्तर एसोसिएशन भी आंदोलन की राह पकड़ने वाली है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि शिक्षकों को सोशल मीडिया और फोन के माध्यम से वेतन जारी करने की मांग पर जागरूक किया जा रहा है। इस हफ्ते वेतन जारी नहीं होने पर सभी जिलों की कार्यकारिणी के साथ मिलकर प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन की रणनीति भी तैयार की जा रही है।