ब्रेकिंग न्यूज़ः हरीश रावत को पंजाब का प्रभार, अनुग्रह नारायण की उत्तराखंड से छुट्टी

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देहरादूनः हाल में 23 नेताओं द्वारा लिखी चिठ्ठी के बाद कांग्रेस के भीतर जिस बदलाव की आहट महसूस हो रही थी आखिरकार वह सामने आ ही गया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बड़े पैमाने पर संगठन के भीतर बदलाव कर डाला है। इनमें जहां कांग्रेस वर्किंग कमिटि से लेकर राज्यों के प्रभारी महासचिव और प्रभारी सचिव तक बदले गए, वहीं कांग्रेस के भीतर संगठन चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई।

सोनिया के सख्त कदम
सोनिया गांधी ने नए अध्यक्ष के चुनाव के मद्देनजर सीनियर नेता मधूसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता में पार्टी के भीतर सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी का ऐलान भी कर दिया। इतना ही नहीं, चिठ्ठी में अध्यक्ष के कामकाज में मदद करने के लिए जिस सिस्टम की मांग की गई, उस कमेटी का भी गठन किया गया, जिसमें अहमद पटेल, एके एंटोनी, अंबिका सोनी, मुकुल वासिनक, के सी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला को रखा गया। इन बदलाव ने राहुल गांधी के कमान लेने की संभावना को पुख्ता किया है। माना जा रहा है कि ये तमाम बदलाव राहुल गांधी को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं। जैसा कि कहा जा रहा था कि सोनिया गांधी अपने अमेरिका दौरे से पहले संगठन में बदलाव का फाइनल करना चाहती थीं। आने वाले दिनों में अपने रुटीन चेकअप के लिए सिलसिले में उन्हें अमेरिका जाना है।

कई से वापस लिये प्रभार
कांग्रेस में हुए बदलाव में जहां गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, अंबिका सोनी, मोतीलाल वोरा, लुजिन्हो फलेरो से संगठन महासचिव की जिम्मेदारी छीनी गई वहीं दूसरी ओर आशा कुमारी, अनुग्रह नारायण सिंह, गौरव गोगोई व रामचंद खूंटिया से भी प्रदेश प्रभार वापस ले लिया गया। बोरा जैसे सीनियर व परिवार के भरोसेमंद व्यक्ति से संगठन के प्रशासन की जिम्मेदारी लेकर इसे पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल को दी गई।

हरीश रावत को पंजाब का दायित्व
कांग्रेस ने कई ऐसे चेहरों पर भरोसा बरकरार रखा जो पार्टी के लिए खासे अहम हैं। हालंकि इसमें कुछ के प्रभार के जरूर बदला गया है। उत्तराखंड के खांटी नेता हरीश रावत के प्रभार में बदलाव किया गया है। उन्हें पड़ोसी राज्य पंजाब का दायित्व दिया गया है। उन्हें पूर्वोत्तर से नजदीकी राज्य में लाया गया ताकि हरीश रावत उत्तराखंड में भी सक्रिय रह सके। इसके अलावा अन्य नौ महासचिव व 17 प्रभारी रखे हैं। इनमें जहां कुछ लोगों की जिम्मेदारी नहीं बदली, वहीं कुछ पुरानों को हटाकर नयों का लाया गया, महासचिवों में मुकुल वासनिक, ओमन चांडी, प्रियंका गांधी, तारिक अनवर, रणदीप सुरजेवाला, जीतेंद्र सिंह, अजय माकन व केसी वेणुगोपाल हैं। वासनिक से तमिलनाडु व पुद्दुचेरी जैसे प्रभार लेकर मध्य प्रदेश दिया गया। अभी तक वह अतिरिक्त प्रभार देख रहे थे। इनमें चैकाने वाले नाम तारिक अनवर व सुरजेवाला रहे, जिन्हें क्रमशः केरल – लक्षद्वीप व कर्नाटक जैसे अहम राज्य दिए गए।

राहुल के खास हैं कई प्रभारी
प्रभारियों में रजनी पाटिल, पीएम पुनिया, आरपीएम सिंह, शक्ति सिह गोहिल, राजीव सातव, राजीव शुक्ला, जितिन प्रसाद, दिनेश गुंडूराव, माणिकम टैगोर, चेल्ला कुमार, एच के पाटिल, देवेंद्र यादव, विवेक बंसल, मनीष चतरथ, भक्त चरणदास व कुलजीत नागरा शामिल हैं। इनमें रजनी पाटिल, पुनिया, सातव, गोहिल जैसे नेता पहले से प्रभारी रहे हैं। पाटिल से हिमाचल का प्रभार लेकर उन्हें जम्मू कश्मीर दे दिया गया। देवेंद्र यादव को बनाया गया उत्तराखंड का नया प्रदेश प्रभारी। गौरतलब है कि प्रभारियों की लिस्ट में तमाम नाम ऐसे हैं, जो राहुल के पिछले कार्यकाल में प्रदेशों के प्रभारी सचिव का कामकाज देख चुके हैं।

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