जांच की आंचः सहकारी बैंक के निलंबित जीएम के खिलाफ चार्जशीट, उत्तरकाशी का है प्रकरण

0

देहरादूनः धांधलीबाजी के लिए जगजाहिर सहकारिता विभाग पर मंत्री धन सिंह रावत ने नकेल कस रखी है। विभाग में धांधली के नये-पुराने मामलों को डा. रावत ने गंभीरता लिया। जहां धांधली नजर आई वहां त्रिस्तरीय जांच के आदेश दिये। लेकिन रिश्वत का खून मुंह में लगे अधिकारियों ने इसके बावजूद भी धांधली करनी नहीं छोडी। ऐसा ही एक मामला उत्तरकाशी जनपद का आया। जहां सहकारी बैंक के जीएम पर मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के नाम पर पैसे मांगे जाने का आरोप था। विभागीय मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत को जब इसकी शिकायत मिली तो उन्होंने जीएम को निलंबित कर जांच के आदेश दिये। वहीं जांच में आरोप सही पाये जाने पर निलंबित जीएम प्रभाकर के खिलाफ चार्जशीट जारी कर दी गई है।

उत्तरकाशी में सहकारी बैंक के निलंबित जीएम के खिलाफ जांच में अधिकतर आरोप सिद्ध पाए गए हैं। जीएम प्रभाकर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के नाम पर पैसे मांगने का आरोप था। इस संबंध में उत्तरकाशी निवासी आमोद पंवार ने सहकारिता मंत्री डा. धन सिंह रावत से की थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि परियोजना के लिए बैंक ऋण हेतु पैसे मांगे गए। उनके द्वारा पैसा नहीं दिये जाने पर जानबूझ कर ऋण लटकाकर उन्हें परेशान किया गया। वहीं सहकारिता मंत्री के आदेश पर इस मामले की जांच हुई और प्रभाकर को निलंबित कर दिया गया था। इसकी जांच सहकारिता विभाग के अपर निबंधक आनंद शुक्ला ने की थी। 

वहीं इस मामले में निबंधक सहकारिता बीएम मिश्रा का कहना है कि कि जांच आख्या उन्हें मिल गई है। जांच में प्रभाकर के खिलाफ अधिकतर शिकायतों की पुष्टि हुई है। लिहाजा निलंबित जीएम प्रभाकर के खिलाफ चार्जशीट जारी की गई है। प्रभाकर के खिलाफ पद का दुरुपयोग करने, बैंक के ग्राहक को परेशान कर बैंक की साख को नुकसान पहुंचाने और पैसे मांगने की शिकायत थी।

Previous articleब्रेकिंग न्यूजः टिहरी डीएम मंगेश घिल्डियाल को मिली प्रधानमंत्री कार्यालय में जिम्मेदारी
Next articleब्रेकिंग न्यू़जः स्कूल खोले जाने को लेकर शिक्षा मंत्री का बड़ा फैसला, जरूर पढ़िये

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here