पिथौरागढ़/चम्पावतः नेपाल अपने आका को खुश करने के लिए भारत विरोधी गतिविधियों में जुटा है। लेकिन अब तक नेपाल को हर मोर्चे पर मुंह की खानी पड़ी है। आंतरिक समस्याओं से जूझ रही नेपाली सरकार अब नए पैंतरे चल रही है। नेपाल अब भारत के कालापानी से सटे क्षेत्रों में नई बस्ती बसाने जा रहा है। इसके लिए नेपाल केंद्रीय और प्रादेशिक स्तर पर योजना तैयार कर रहा है। विवादित क्षेत्र में बस्ती बसाने पहले नेपाल वहां मूलभूत सुविधाओं पर जोर दे रहा है। खास कर बिजली, पानी दूरसंचार, परिवहन, बजली और स्वास्थ्य सुविधा। इसके अलावा नेपाल आपात सेवा के लिए हेलीपैड का निर्माण भी करने जा रहा है।
योजना के लिए ठोस तैयारी
कालापानी से लगी सीमा पर बस्ती बसाने की योजना को धरातल पर उतारने के लिए नेपाली सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है। विवादित सीमवर्ती क्षेत्र में बस्ती बसाने के लिए बकायदा एक विशेष कमेटी का गठन किया है। जल्द संबंधित क्षेत्रों का दौरा कर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करेगी। उसी आधार पर विकास का खाका खींचा जाएगा।
भारतीयों को दे रहा प्रलोभन
खुफिया जानकारियों के अनुसार नेपाल विवादित सीमा क्षेत्र में भारतीय नागरिकों को बसने के लिए प्रलोभन दे सकता है। वह भारतीय गांव नाबी, गूंजी और लिंपियाधुरा के ग्रामीणों को बसाने का मंसूबा पाले हुए है। इसके लिए नेपाल सरकार ने उच्च हिमालयी गांवों में एजेंट भी नियुक्त कर लिये हैं। ये एजेंट स्थानीय ग्रामीणों को नेपाल में बसने का प्रलोभन दे रहे हैं। साथ ही वहां की खूबी और सुविधाओं के बारे में बताकर उन्हें नेपाली क्षेत्र में जाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। हालांकि नेपाल अभी तक इस योजना में सफल नहीं हो पाया है। इसके पहले वह भारतीय ग्रामीणों को नेपाली नागरिकता का भी प्रलोभन दे चुका है, लेकिन उसे मुंह की खानी पड़ी। अब वह नए सिरे से संबंधित क्षेत्र में प्रभाव स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है।