देहरादूनः कोरोन के चलते प्रदेश में साहसिक पर्यटन से जुड़ी तमाम गतिविधियां पूरी तरह से बंद पड़ी थी। लेकिन त्रिवेंद्र सरकार ने राज्य में साहसिक पर्यटन शुरू करने के निर्देश दे दिये हैं। लिहाजा सूबे में अब रिवर राफ्टिंग, वॉटर स्पोर्ट्स, ट्रैकिंग, पर्वतारोहण, एयरोस्पोर्ट्स और कैंपिंग जैसी गतिविधियां चालू हो जायेंगी। इसके साथ ही सरकार ने बकायदा एडवेंचर कंपनियों, एजेंसियों और टूर ऑपरेटरों के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी जारी कर दी है। ये सभी यह सुनिश्चित करेंगे उनके कार्मिकों को कोविड-19 से संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर उचित रूप से प्रशिक्षित किया गया है। हालांकि सरकार ने प्रदेश में स्वीमिंग पूल को खोलने की अनुमति नहीं दी है।
सरकार ने जारी ओएसपी
राज्य सरकार ने साहसिक पर्यटन से जुड़ी गतिविधियां शुरू कर दी है। मुख्य सचिव ओमप्रकाश की ओर से जारी साहसिक पर्यटन की एसओपी के अनुसार साहसिक पर्यटन गतिविधियों को संचालित करने लिए पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन से अनुमति लेने के लिए अंडरटेकिंग पत्र प्रस्तुत किए जा सकते हैं। अनुमति लेने से पहले एडवेंचर कंपनियां, एजेंसियां वऔर टूर ऑपरेटर अपने कार्मिकों को कोविड-19 की रोकथाम से संबंधित ट्रेनिंग देंगे। इस बारे में वे जिला प्रशासन, पर्यटन, खेल और वन विभाग समेत अन्य विभागों को बकायदा शपथ पत्र देंगे कि कोविड के नियमों का अनिवार्य रूप से पालन कराया जाएगा। साथ ही वे संचालित की जाने वाली प्रत्येक गतिविधि, इसके लिए नियुक्त कार्मिकों के नाम और मोबाइल नंबर, क्षेत्र विशेष आदि का पूरा ब्योरा देंगे।
सख्ती से पालन होंगे नियम
एडवेंचर कंपनियों, एजेंसिंयों और टूर ऑपरेटरों को अपने यहां थर्मल स्क्रीनिंग, सुरक्षित शारीरिक दूरी, मास्क, शील्ड, हाथ धोने की व्यवस्था जैसे नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। वहीं, साहसिक पर्यटन के लिए आने वाले व्यक्तियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना अनिवार्य है। वे भी कोविड के नियमों का पूरी तरह पालन करेंगे। अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो संबंधित कंपनी, एजेंसी और टूर ऑपरेटर उसे तुरंत उपचार के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में भेजने के साथ ही जिला प्रशासन को इसकी सूचना देना सुनिश्चित करेंगे।
वहीं संबंधित एजेंसियां कोविड के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए नोडल अधिकारी की तैनाती करेंगी। साहसिक पर्यटन गतिविधियों में पर्यावरणीय नियमों का अनुपालन भी करना होगा। कैंपिंग, पर्वतारोहण के लिए वन समेत अन्य विभागों से अनुमति लेनी जरूरी होगी। रिवर राफ्टिंग समेत वॉटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों के दौरान इस्तेमाल में लाए जाने वाले उपकरणों को पहले सैनिटाइज किया जाएगा।