एक दशक से पुल का इंतजार कर रही लाल घाटी को सितंबर तक डोबरा-चांठी पुल मिल जायेगा। ऐसा जिले के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल कहते हैं। उन्होंने खुद निर्माणाधाीन पुल का औचक निरीक्षण किया। अपने दौरे के दौरान उन्होंने पुल से संबंधित काम की जानकारी ली। उम्मीद जताई कि सितंबर के बाद टिहरी झील के ऊपर बने एशिया के सबसे बड़े झूला पुल पर वाहन सरपट दौडेंगे।
नई टिहरीः विकास की खातिर टिहरी को भले ही पानी में डूबो दिया गया लेकिन इसकी सबसे बड़ी कीमत प्रतापनगर को चुकानी पड़ी। टिहरी झील बन जाने से झील पार का इलाका पूरी तरह अपंग हो गया। उनके पास आने-जाने के सभी मार्ग जलमग्न हो गये। निति-नियंताओं ने प्रतापनगर की तकरीबन एक लाख आबादी के साथ ऐसा क्रूर मजाक किया। जिसकी टीस सदियों तक रहेगी।
विकास के साथ कदमताल करने वाला प्रतापनगर झील बनने से दो दशक पीछे चला गया। आनन-फानन में झूला पुल बनाये गये लेकिन वह नाकाफी थे। लिहाजा झील के ऊपर भारी वाहनों के आवागमन के लिए डोबरा-चांठी पुल स्वीकृत हुआ। वर्ष 2007 तक इसे बनाने की समय सीमा तय की गई। लेकिन अफसोस कि दशक बीत जाने के बाद भी यह पुल तैयार नहीं हो पाया। खैर ओ सुबह जरूरी आयेगी जब लाल घाटी को यह पुल जोड़ देगा। जिलाधिकारी ने प्रतापनगर के लोगों को भरोसा दिलाया कि पुल सितंबर माह तक तैयार हो जायेगा और लाल घाटी को जोड़गा।
- हाइलाइट्स
- सितंबर तक तैयार होगा डोबरा-चांठी पुल
- डीएम ने किया पुल का औचक निरीक्षण
- प्रतापनगर की लाइफ-लाइन है पुल
- दो दशक बाद प्रतापनगर को मिलेगा पुल
- टिहरी बांध बनने से डूबे गये थे मार्ग
- झील बनने से प्रतापनगर को सबसे ज्यादा नुकसान
- एशिया का सबसे बड़ा झूला पुल है डोबरा-चांठी
- टिहरी झील के ऊपर बना है विशाल पुल
- पुल बनने से दुनियां से कनेक्ट होगी लाल घाटी
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने टिहरी झील के ऊपर बन रहे एशिया के सबसे बड़े झूला पुल डोबरा चांठी पुल का औचक निरीक्षण किया है। बता दें कि, डोबरा चांठी पुल का निर्माण मार्च 2020 में पूरा होना था। लेकिन कोरोना और लॉकडाउन की वजह से निर्माण कार्यों में देरी हो रही है। निरीक्षण के दौरान डीएम ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता से बातचीत की गई है। जल्द ही यहां पर श्रमिकों की टीम आने वाली है, जिसके बाद बचे हुए काम को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही अगर बारिश निर्माण कार्य में बाधा नहीं बनती तो, पुल के निर्माण कार्यों में तेजी आ सकती है। डीएम ने कहा की इस पुल को सितंबर आखिर तक वाहनों के आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा।
सुरक्षा के मद्देनजर पुल की रेलिंग को लेकर जिलाधिकारी ने इंजीनियरों से जरूरी सुरक्षा-उपाय किए जाने के निर्देश दिये। डीएम ने बताया की डोबरा चांठी पुल पर 15 टन तक का भार ले जाने की अनुमति होगी और पुल के ऊपर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। डीएम ने बताया कि पुल के ऊपर भारी वाहनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी निर्माण से जुड़ी संस्था की होगी। पुल की सुरक्षा को देखते हुए भारी वाहनों का आवागमन ज्यादा ना हो, इसलिए पुलिस की भी व्यवस्था की जाएगी। 5 साल तक पुल की सुरक्षा का जिम्मा भी निर्माण कार्य से जुड़ी एजेंसी का होगा।