घनसालीः गुनसोला हाइड्रो इंजीनियरिंग द्वारा भिलंगना नदी पर बनाये जा रहे जल विद्युत परियोजना को लेकर ग्रामिणों में भारी आक्रोश है। नाराज ग्रामिणों का आरोप है कि बिना पंचायतों व स्थानीय लोगों की सहमित के परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। कंपनी की मनमानी को लेकर आज ग्राम पंचायत पोखार, ज्यूंदाणा और जमोलना के जन प्रतिनिधियों ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर पंचायत हक हुकूक संघर्ष समिति के बैनर तले उपजिलाधिकारी घनसाली से मुलाकात की। इस दौरान पंचायत प्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एसडीएम घनसाली को परियोजना और निर्माणदायी संस्था के रवैये से अवगत करा ज्ञापन प्रेषित किया।
एसडीएम घनसाली से वार्ता के दौरान पंचायत प्रतिनिधियों ने जल विद्युत परियोजना को निरस्त करने की मांग की। जन प्रतिनिधियों ने बताया कि भिलंगना नदी से पोडार पोखार नहर और जमोलन संगोली सिंचाई नहर के माध्यम से एक बड़े कृषि भू-भाग की सिंचाई होती है। लेकिन जल विद्युत परियोजना की कार्यदायी संस्था गुनसोला हाइड्रो कंपनी इन नहरों के हेड से ही निर्माण कर रही है। जिसका विरोध करने पर कंपनी के लोगों ने ग्रामीणों के साथ दुरव्यवहार किया कर लोगों को आतंकित किया जा रहा है।
पूर्व प्रधान तेजराम सेमवाल ने कहना है कि प्रदेश सरकार को चाहिये कि वह निजी व्यक्ति को लाभान्वित करने के बजाय ग्राम पंचायतों की सहमति और पंचायतों की भागीदारी सुनिश्चित कर सूक्ष्म जल बिद्युत परियोजनाओं का निर्माण करवाये, ताकि ग्राम पंचायतों को भी परियोजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा सरकार को ग्रामीणों के हक हुकूकों का नुकसान नहीं होना देना चाहिए।
वहीं उप जिलाधिकारी को ज्ञापन देते हुए ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ग्रामीणों के हक-हकूकों के खिलाफ निजी व्यक्ति को लाभान्वित करने की नीति अपनाती है तो स्थानीय लोग एकजुट होकर सरकार की मुखालफत करेंगे। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ग्राम पंचायतों की सहमति के बिना ही निजी व्यक्ति को लाभान्वित किया जायेगा तो ग्रामीण अपने हक हुकूकों के लिए उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
इस दौरान प्रधान पोखार लक्ष्मी, ज्यूंदाणा प्रधान प्रतिनिधि धन सिंह रावत सामाजिक कार्यकर्ता मोर सिंह रावत, गोविन्द सिंह रावत, विनोद रावत, पूर्व प्रधान बीर सिंह रावत ,तेजराम सेमवाल सहित कई लोग शामिल थे।