एलएसी विवादः 17 नवम्बर को आमने-सामने होंगे मोदी-जिनपिंग, क्या होगी रणनीति…?

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नई दिल्लीः एक ओर भारत-चीन सीमा पर भारी तनाव है, दूसरी ओर मोदी और जिनपिंग जल्द आमने-सामने होंगे। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते दोनों नेता वर्चुअल मिलेंगे। सूत्रों के अनुसार दोनों देशों के नेता 17 नवंबर को ब्रिक्स समिट के दौरान एक-दूसरे से बातचीत कर सकते हैं। इसके तुरंत बाद 20-21 नवंबर को जी-20 समिट में भी दोनों देशों के प्रमुख आमने-सामने होंगे जिसका आयोजन सऊदी अरब कर रहा है। यह भी वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से होगा। इसके ठीक बाद एक और मुलाकात एससीओ समिट में दोनों देशों के प्रमुख आमने-सामने आ सकते हैं। हालांकि इसके भी वर्चुअल तरीके से ही होने की संभावना है।

  • हाइलाइट्स
  • 17 नवंबर को होगा 12वां ब्रिक्स शिखर सम्मलेन
  • पीएम मोदी और शी जिनपिंग होंगे आमने-सामने
  • LAC पर तनाव के बीच पहली बार होगा सामना
  • 20-21 नवंबर को जी-20 समिट में होंगे दोनो शामिल
  • सऊदी अरब कर रहा जी-20 का आयोजन
  • एससीओ समिट में भी हो सकता है आमना-सामना

उधर, विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार यह अलग-अलग देशों का संगठन है और ऐसे समिट में दो पक्षीय बातचीत होने की उम्मीद कम है। लेकिन दोनों देशों के प्रमुखों के एक कार्यक्रम में रहने से एक बड़ा संदेश जा सकता है और पीएम मोदी इशारों में ही मंच से चीन को संदेश दे सकते हैं। पीएम मोदी अब तक कूटनीतिक स्तर पर चीन को सख्त संदेश देते रहे हैं और तमाम मंचों से उसकी विस्तारवादी नीतियों पर आक्रामक प्रहार करते रहे हैं। इससे पहले दोनों देशों में तनाव के बीच रक्षा मंत्री और विदेश मंत्रियों की मुलाकातें हो चुकी हैं।

कूटनीतिक से निकलेगी काट
सूत्रों के अनुसार भारत और चीन के बीच उच्चस्तरीय कूटनीतिक स्तर पर एक और बातचीत हो सकती है। जुलाई में तनाव के बाद एनएसए अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच बातचीत हुई थी। उस बातचीत में तनाव को कम करने के लिए सहमति बनी थी जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव में कमी जरूर आई लेकिन विवाद बना रहा है।

बातचीत से होगा विवाद खत्म!
सूत्रों के अनुसार दोनों देश सर्दी शुरू होने से पहले इस स्तर की बातचीत का एक रास्ता तलाश रहे हैं। अब तक कमांडर स्तर की बातचीत या दूसरे कूटनीतिक स्तर की बातचीत में कोई हल नहीं निकल सका है। सूत्रों के अनुसार 12 अक्टूबर को दोनों देशों की तय वार्ता के बाद इसकी संभावना तलाशी जाएगी। अगर मौजूदा हालात नहीं सुधरे तो सर्दियों में एलएसी पर दोनों देशों के सेनाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

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