देहरादूनः गामीण प्रतिभाएं अब खेतों में नहीं बल्कि मैदान पर अपने हुनर का प्रदर्शन कर सकेंगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस सम्बन्ध में अधिकारियों को निर्देश दे दिये हैं। इतना ही नहीं नवीन खेल नीति में खेल विज्ञान केंद्र और खेल विकास निधि का प्रावधान भी होगा। आठ से 14 वर्ष के बच्चों को खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। जबकि बालिकाओं के लिए विशेष प्रावधान नई खेल नीति में होंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस बावत खेल विभाग को नई खेल नीति का प्रस्ताव जल्द से जल्द कैबिनेट की बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश खेल विभाग को दिये।
सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री ने नई खेल नीति के प्रस्ताव की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि नीति के बारे में खेल विशेषज्ञों, खिलाड़ियों और आम जन से सुझाव प्राप्त किए जाएं। खेल में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए खेल विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाए। खेल विकास निधि बनाई जाए। बच्चे कम उम्र से ही खेलों में प्रतिभाग के लिए प्रोत्साहित हों, इसके लिए मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति दी जाए।
खेल नीति इस प्रकार की हो जिससे ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के अधिक अवसर मिलें। प्राइवेट सेक्टर को खेल के क्षेत्र में आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। बच्चे टीवी, मोबाईल की दुनिया से बाहर निकलकर खेल के मैदान में आएं। खेलों में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए खेल विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल कुंभ में नए खेल शामिल किए जाएं। बालिकाओं के लिए खेल नीति में विशेष प्रावधान किए जाएं। नेशनल लेवल और इंटरनेशनल लेवल पर प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को सुविधाएं दी जाएं। खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल विकास निधि का निर्माण किया जाए। दिव्यांग खिलाड़ियों की आर्थिक सहायता के लिए व्यवस्था की जाए।