देहरादूनः प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार ग्रामीणों को हेल्प डेस्क की सौगात देने जा रही है। यह सुविधा प्रदेश में राज्य स्थापना दिवस से शुरू हो जायेगी। हेल्प डेस्क के माध्यम से ग्रामीण समाज अपनी समस्याओं से सरकार को अवगत करा सकेगा, जिस पर ग्रामीणों को तत्काल जरूरी परामर्श दिया जायेगा। इसके अलावा हेल्प डेस्क पर ग्रामीण लोग सरकार की तमाम योजनाओं की जानकारी सीधे हासिल कर सकेंगे। इस व्यवस्था से प्रदेश की करीब 70 लाख की आबादी कनेक्ट होगी और लगभग 63 हजार पंचायत प्रतिनिधि भी इससे सीधे जुड़ सकेंगे। हेल्प डेस्क सेवा शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का फायदा पहुंचाना है साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में आ रही परेशानियों से भी अवगत होना है।
ग्रामीण क्षेत्रों में हेल्प डेस्क सुविधा को लेकर पंचायतीराज विभाग द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के समक्ष योजना का मसौदा पेश किया। जिस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को आदेशित किया कि योजना को जल्द धरातल पर उतारा जाय, ताकि ग्रामीणों को जल्द से जल्द इसका फायदा पहुंचना शुरू हो। वहीं पंचायत सचिव हरिचंद्र सेमवाल का कहना है कि सरकारी ई-मार्केट (जीईएम) के जरिये इस व्यवस्था को तैयार किया जा रहा है। ई-मेल, व्हाट्सअप, दूरभाष, एसएमएस आदि के जरिए ग्राम समाज तक पहुंच बनेगी। इससे उपभोक्ता सेवा केंद्रों, सूचना प्रौद्योगिकी आदि को भी जोड़ा गया है। हेल्प डेस्क का मुख्य उद्देश्य पंचायतों की क्षमता विकासित करनी है।
पंचायत सचिव का कहना है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने जल्द इस योजना को तैयार करने के निर्देश दिये हैं ताकि राज्य स्थापना दिवस यानि नौ नवंबर को प्रदेश में योजना को लागू किया जा सके। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था के जरिये पंचायतीराज विभाग एक बार में दस हजार लोगों से अलग-अलग संचार माध्यमों से जुड़ सकेगा। ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर गांव का कोई भी व्यक्ति इस डेस्क को अपनी समस्या बता सकेगा और सरकारी योजनाओं से लेकर अन्य मामलों में परामर्श ले सकेगा।