नई दिल्ली: परीक्षा में प्रथम आने पर शिक्षक शुभकामनाएं दे तो छात्र का हौसला बढ़ना स्वाभाविक है। अब आप अनुमान लगाइए कि इंजीनियरिंग की परीक्षा में देश में टाॅप आए प्रतियोगी को फोन करके मंत्री बधाई दें को प्रतियोगी को कैसे गौरव की अनुभूति होगी? जी हां, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने जेईई एडवांस परीक्षा में टाॅप थ्री स्थान प्राप्त करने वाले प्रतियोगियों को फोन कर उनके करियर संबंधी बातों के बारे में जानकारी हासिल की। इन छात्रों का हौसला अफजाई करते हुए डाॅ. निशंक ने उन्हें सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी भी दी।
हैलो! मैं निशंक बोल रहा हूं
कोविड-19 के कारण काफी जद्दोजहद के बाद जेईई एडवांस की परीक्षा आखिरकार हो गई। छात्र इसके लिए लंबे समय से तैयारी कर रहे थे। इसका परिणाम भी आ चुका है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल ’निशंक’ ने टाॅप तीन स्थानों पर आए प्रतियोगियों को स्वयं फोन कर शुभकामनाएं दीं। देश में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले चिराग को अचानक डाॅ. निशंक का फोन गया तो चिराग का खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
डाॅ. निशंक ने चिराग से पूछा कि आप अब क्या करेंगे? चिराग ने कहा-खगोल विज्ञान के क्षेत्र में जाना चाहता हूं सर। इस पर डाॅ. निशंक ने चिराग को नेशनल एजुकेशन टेक्नोलाॅजी फोरम (एनईटीएफ) और नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) का गठन हो रहा है? आप जैसे लोगों भविष्य को उज्ज्वल बनाने में ये शोध संस्थान बहुत मददगार साबित होंगे।
निशंक के फोन से खुश हुए मेधावी
दूसरे स्थान पर रहे भुवन ने फोन पर हुई बातचीत में केंद्रीय मंत्री को बताया कि वे आईआईटी मुंबई में दाखिला लेंगे। तीसरे स्थान पर रहे वैभव ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि वे आईआईटी मुंबई में प्रवेश लेकर कंप्यूटर साइंस के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं। वैभव की इच्छा साॅफ्टवेयर इंजीनियर बनने की है।
केंद्रीय मंत्री ने इन छात्रों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ’आत्मनिर्भर भारत’ के सपने के विषय में बताते हुए इसी प्रकार निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। केंद्रीय मंत्री का अचानक यूं फोन आने पर इन सभी मेधावियों की खुशी और उत्साह दुगुना हो गया। मेधावी छात्रों का हौसला बढ़ाने की केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. निशंक की इस अभिनव पहल की सर्वत्र सराहना हो रही है।