गांव टुडे डेस्कः इस वर्ष साहित्य का नोबेल पुरस्कार अमेरिकी कवयित्री लुईस ग्लूक को दिया गया है। पुरस्कार की घोषणा करते हुए स्वीडिस एकेडमी ने कहा कि लुईस को उनकी बेमिसाल काव्यात्मक आवाज के लिए यह सम्मान दिया गया है, जो खूबसूरती के साथ व्यक्तिगत अस्तित्व को सार्वभौमिक बनाता है। लुईस येल यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी की प्रोफेसर हैं। उनका जन्म 1943 में न्यूयॉर्क में हुआ था।
एकेडमी ने कहा कि उनकी कविताएं प्रायः बाल्यावस्था, पारिवारिक जीवन, माता-पिता और भाई-बहनों के साथ घनिष्ठ संबंधों पर केंद्रित रही हैं। इसने कहा कि 2006 में आया उनका संग्रह एवर्नो एक शानदार संग्रह है। नोबेल पुरस्कार के तहत स्वर्ण पदक और एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (लगभग 8.20 करोड़ रुपये) की राशि दी जाती है। स्वीडिश क्रोनर स्वीडन की मुद्रा है।
साल 2019 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार आस्ट्रियाई मूल के लेखक पीटर हैंडका को दिया गया था। उन्हें यह पुरस्कार इनोवेटिव लेखन और भाषा में नवीनतम प्रयोगों के लिए दिया गया था। वहीं 2018 का साहित्य का नोबेल 57 साल की पोलिश लेखक टोकार्चुक को जीवन की परिधियों से परे एक कथात्मक परिकल्पना करने के लिए दिया गया था।
वर्ष 1901 से शुरू हुए नोबेल पुरस्कार के 119 साल के इतिहास में दो बार साहित्य का नोबेल पुरस्कार स्थगित किया जा चुका है। 1943 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसे पहली बार स्थगित किया गया था। दूसरी बार इसे 2018 में इस स्वीडिश एकेडमी की ज्यूरी मेंबर कटरीना के पति और फ्रांसीसी फोटोग्राफर जेन क्लोड अरनॉल्टपर यौन शोषण के आरोप लगने के कारण स्थगित किया गया था।