गाँव टुडे डेस्क : नार्वे की नोबेल कमिटी ने शुक्रवार को इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार से वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) को सम्मानित किया। इस संस्था द्वारा भूख की समस्या से निपटने के लिए किए गए उल्लेखनीय प्रयासों के तहत यह सम्मान दिया गया है। महामारी कोविड-19 से जूझते साल 2020 में WFP ने भूख के कारण मौतों का आंकड़ा बढ़ा देख अपने प्रयासों को तेज कर दिया।
पिछले साल इथियोपिया के प्रधानमंत्री एबी अहमद अली ( Abiy Ahmed Ali) को इस सम्मान से नवाजा गया था।इस साल नोबेल शांति पुरस्कार का सम्मान पाने के लिए 300 से भी अधिक व्यक्तियों और संस्थाओं को नामांकित किया गया। यह चौथी बार है जब इतनी बड़ी संख्या में इस सम्मान के लिए नामांकन हुआ है।
विश्व खाद्य कार्यक्रम
यह संस्था दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय आर्गेनाइजेशन है जो भूख और खाद्य सुरक्षा की समस्या का समाधान करती है। वर्ष 2019 में WFP ने 88 देशों में करीब 100 मिलियन लोगों को सहायता पहुंचाई थी जो गंभीर भुखमरी के शिकार थे। विश्व खाद्य कार्यक्रम यानि WFP भुखमरी मिटाने और खाद्य सुरक्षा पर केंद्रित संयुक्त राज्य एजेंसी है। दुनिया भर में जरूरतमंदों तक पहुंच यह खाद्य सामग्री उपलब्ध कराती है। गृह युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं जैसे आपात स्थितियों में यह काफी सक्रिय होती है।
अवार्ड के लिए कतार में पहला नाम विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) का था और दूसरा क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग (climate activist Greta Thunberg)। नोबेल शांति पुरस्कार के लिए कुल 318 नाम लिस्ट में शामिल किए गए थे। बता दें कि इस पुरस्कार के लिए नामांकन कोई भी भेज सकता है और नोबेल कमिटी की ओर से इसके लिए कोई औपचारिक सूची जारी नहीं की जाती है।