नई दिल्ली: अब कोरोना पता चुटकी में चल सकेगा। जी हां, भारत और इजरायल मिलकर एक नई तकनीक तैयार कर दी है। इस तकनीक की खासियत यह है कि सिर्फ चंद सेकेंड्स में यह बता देगी कि आपको कोरोना है या नहीं। हालांकि यह रैपिड टेस्टिंग रिसर्च फाइनल स्टेज में हैं और कुछ दिनों में बनकर तैयार हो जायेगी। भारत में इजरायल के राजदूत रॉन माल्का ने एक इंटरव्यू में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में भारत और इजरायल के बीच तालमेल के लिए हेल्थकेयर एक अहम क्षेत्र होगा।
कैसे काम करेगा रैपिड टेस्ट
भारत और इजरायल की तरफ से मिलकर तैयार की जा रही यह रैपिड टेस्ट टेक्नॉलजी सिर्फ एक मिनट में बता देगी कि व्यक्ति को कोरोना संक्रमण है या नहीं। इसके लिए टेस्ट कराने वाले शख्स को एक ट्यूब में मुंह से बस हवा मारने की जरूरत होगी। भारत में इजरायल के राजदूत रॉन माल्का ने बताया कि इससे 30-40-50 सेकंड में नतीजे उपलब्ध होंगे। माल्का ने बताया कि यह पूरी दुनिया के लिए गुड न्यूज है। इसे एयरपोर्ट और दूसरे जगहों पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा इसपर लागत भी बहुत कम है क्योंकि रिजल्ट के लिए सैंपल को लैब भेजने की जरूरत ही नहीं है। वहीं पर तुरत-फुरत नतीजे मिल जाएंगे।
आवाज से कोरोना टेस्ट का भी हो चुका है ट्रायल
भारत और इजरायल ने संयुक्त रूप से 4 टेस्ट टेक्नॉलजी का ट्रायल कर चुके हैं। भारत में बड़ी तादाद में इन टेस्ट के लिए सैंपल लिए गए। इन तकनीकों में ब्रेथ ऐनालाइजर और वॉइस टेस्ट भी शामिल हैं। इनमें कोरोना का तुरंत पता लगाने की क्षमता है।
भारत ही बना सकता है भरोसेमंद वैक्सीन
वैक्सीन को लेकर दोनों देशों के बीच तालमेल के सवाल पर माल्का ने कहा कि दोनों देश हमेश से रिसर्च और टेक्नॉलजी को एक दूसरे से शेयर करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम एक दूसरे का सहयोग और समर्थन कर रहे हैं। इजरायली राजदूत ने कहा कि भारत में कोरोना वैक्सीन का हब बनने के लिहाज से तमाम सुविधाएं मौजूद हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि जब भी विश्वसनीय, सुरक्षित और कारगर वैक्सीन बनेगी तब उसमें से ज्यादातर का उत्पादन भारत में होगा। माल्का ने कहा कि भारत जब भी वैक्सीन बनाएगा तब इजरायल की जरूरतों का भी ख्याल रखेगा।