रूद्रप्रयाग: भारतीय सेना का ताकतवर चिनूक हेलीकाॅप्टर ने आज केदारनाथ की धरती पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की। चिनूक को एमआई-26 हेलीपैड पर उतारा गया। इसके बाद चिनूक ने अप्रैल 2018 में क्रैश हुए एमआई-17 हेलीकाॅप्टर के बचे अवशेष को उटाकर गौचर पहुंचाया। चिनूक पहली बार केदारनाथ में उतरा। चिनूक की लैंडिंग सामरिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है।
भारतीय सेना के मालवाह चिनूक हेलीकाॅप्टर शनिवार को सुबह 8.30 बजे केदारनाथ एमआई-26 हेलीपैड पर उतरा। इस दौरान वहां पर स्थानीय प्रशासन व वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे। उन्होंने चिनूक के क्रू-स्टाफ का स्वागत किया। लैंिडग के कुछ देर बाद चिनूक ने टेकऑफ किया और केदारनाथ मंदिर के पीछे क्रैश हो रखे एमआई-17 हेलीकाॅप्टर का केविन को क्रेन से उठाया।
इस दौरान पायलट ने चिनूक को जमीन के करीब लाया। क्रू-स्टाफ के सदस्यों व पुनर्निर्माण कार्य में लगे मजदूरों ने क्रैश हेलीकॉप्टर के केविन (ढांचा) को चिनूक हेलीकॉप्टर में लटकाया गया। जिसके बाद 10 बजे चिनूक ने क्रैश हेलीकॉप्टर के केविन को लेकर केदारनाथ से टेकऑफ कर आधे घंटे में गौचर हवाई पट्टी पर उतारा। फिर चिनूक ने चंडीगढ़ के लिए उड़ान भरी। आपको बता दें कि 03 अप्रैल 2018 को गुप्तकाशी से सिंचाई विभाग की पुनर्निर्माण सामग्री लेकर केदारनाथ पहुंचां एमआई-17 हेलीकॉप्टर वीआईपी हेलीपैड से कुछ पहले क्रैश होकर गिर गया था।
डीएम वंदना सिंह ने बताया कि केदारनाथ में एमआई-26 हेलीपैड पर चिनूक की सफल लैंडिंग हुई है। जल्द ही भारतीय सेना के मालवाहक हेलीकॉप्टर से दूसरे चरण के पुनर्निर्माण कार्यों की भारी मशीनें गौचर हवाई पट्टी से धाम पहुंचाने का कार्य शुरू हो जाएगा।