कुमाऊं विवि: एक-दूसरे की नियुक्ति के खिलाफ प्रोफेसर, विवि प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल

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नैनीताल: सूबे के सरकारी विश्वविद्यालयों में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है। फिर चाहे श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय हो या फिर कुमाऊ विश्वविद्यालय। छात्र संख्या के लिहाजा से दोनों विश्वविद्यालय अन्य से बड़े हैं। लेकिन दोनों विश्वविद्यालयों में सैकड़ों झोल है। जब तब दोनों विश्वविद्यालयों की अंदरूनी कलह चौराहे पर आ जाती है। इन दिनों कुमाऊं विश्वविद्यालय में अंदरखाने जमकर विवाद चल रहा है।

दरअसल मामला संयोजक की विवादित नियुक्ति का है। आरोप है कि विश्वविद्यालय की नियमावली को दरकिनार कर विभाग में संयोजक की नियुक्ति की गई। जिसके चलते विवि प्रशासन सवालों के घेरे में है। विदित हो कि अल्मोड़ा विश्वविद्यालय सृजित होने के बाद कुमाऊ विवि के भीमताल और डीएसबी परिसर के लिए विभागाध्यक्ष की नियुक्तियां शुरू हुई।

विश्वविद्यालय में विवाद तब शुरू हुआ जब गणित विभागाध्यक्ष पद पर प्रो. आशा श्रीवास्तव की नियुक्ति हुई। इस नियुक्ति के खिलाफ विभाग के प्रो एमसी जोशी ने सवाल उठाया। उन्होंने वरिष्ठता को दरकिनार करने का आरोप लगाते हुए कुलपति प्रो एनके जोशी को प्रत्यावेदन दिया। प्रो. जोशी की दलील का कार्यपरिषद सदस्यों ने समर्थन किया। लिहाजा विवि ने आननफानन में प्रो. जोशी को संयोजक नियुक्त कर दिया।

प्रो. एम.सी. जोशी को संयोजक बनाये जाने पर प्रो. आशा श्रीवास्तव ने भी मोर्चा खोला और प्रो. जोशी की नियुक्ति के खिलाफ कुलपति को प्रत्यावेदन दिया है। प्रो. आशा का आरोप है कि विश्वविद्यालय में जब संयोजक का पद है ही नहीं तो नियुक्ति कैसे कर दी गई। उनका तर्क है कि संयोजक की व्यवस्था एक से अधिक परिसरों के लिए होती है। कुमाऊं विवि में तो डीएसबी परिसर ही है। उन्होंने प्रो जोशी की नियुक्ति रद करने के साथ ही प्रो जोशी के संयोजकत्व में गणित विभाग के वॉक इन इंटरव्यू को भी निरस्त करने की मांग की है। साथ ही कुलाधिपति तक शिकायत करने की चेतावनी दी है।

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