शिक्षकों का सम्मान: 04 शिक्षकों को मिला प्रथम ‘डाॅ. भक्त दर्शन पुरस्कार’, सीएम ने किया सम्मानित

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देहरादून: उत्तराखंड सरकार द्वारा अभिनव पहल करते हुए पहली बार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान करने वाले शिक्षकों को पुरस्कृत करने की शुरूआत की गई। इस अनूठी पहल के तहत राज्य सरकार ने 04 शिक्षकों को ‘डाॅ. भक्त दर्शन उच्च शिक्षा गौरव पुरस्कार’ से नवाजा। रविवार को दून विश्वविद्यालय में आयोजित सम्मान समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा चयनित शिक्षकों सम्मानित किया गया।

ये शिक्षक हुए पुरस्कृत
प्रथम ‘डाॅ. भक्त दर्शन उच्च शिक्षा गौरव पुरस्कार’ इस बार चार विभिन्न विषय क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान करने वाले शिक्षकों को दिया गया। जिनमें वाणिज्य व विधि के क्षेत्र में डाॅ. मोहन चंद पाण्डे, प्राचार्य राजकीय स्नातक महाविद्यालय रामनगर, विशुद्ध विज्ञान के क्षेत्र में डाॅ. शिव दत्त तिवारी, एसोसिएट प्रोफेसर महिला महाविद्यालय हल्द्वानी, मानवीकि के क्षेत्र में डाॅ. संजय कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर राजकीय महाविद्यालय रामनगर और साहित्य के क्षेत्र में डाॅ. सतेन्द्र कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर पं. ललित मोहन पीजी काॅलेज ऋषिकेश शामिल हैं।

इसलिए मिला सम्मान
डाॅ. भक्त दर्शन पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों ने अपने कार्यक्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया। जिसकी बदौलत शिक्षा विभाग द्वारा गठित चयन समिति ने उनके नाम की सिफारिश की। पुरस्कार पाने वाले डाॅ. शिव दत्त तिवारी ने माॅस वनस्पति के संवर्धन में उत्कृष्ट कार्य किया। उनके द्वारा तैयार ‘माॅस पार्क’ का दीदार जल्द लोग कर सकेंगे। यह अपने आप में राज्य का पहला माॅस पार्क होगा। डाॅ. एम.सी. पाण्डेय द्वारा बैंकिंग और प्रबंधन के क्षेत्र में कई ज्ञानपरक शोध पत्र प्रकाशित किये जिनका लाभ लोगों को मिला। डाॅ. संजय द्वारा इतिहास के विषय में 30 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किये। जबकि कैप्टन डाॅ. सतेन्द्र कुमार अंग्रेजी साहित्य में विभिन्न पुस्तकों के लेखन के साथ ही रोवर रेंजर्स और एनसीसी में कई महत्वपूर्ण कार्य किये।

योग्य व्यक्ति को मिले पुरस्कार: सीएम
डाॅ. भक्त दर्शन पुरस्कार समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि शिक्षक और विद्यार्थी के बीच आत्मीयता का संबंध विकसित होना चाहिए। जो वर्तमान में कहीं नजर नहीं आता है। उन्होंने शिक्षकों के संदर्भ में कहा कि उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए शिक्षकों को सम्मानित एवं प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है। लेकिन पुरस्कार योग्य व्यक्ति को मिलना चाहिए ताकि पुरस्कार की गरिमा बनी रही और सम्मानित होने वाले शिक्षक खुद को गौरवान्वित महसूस कर सके।

राज्य आधारित शोध पर हो फोकसः त्रिवेंद्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों में ऐसे शोधों को प्रमुखता दी जाय जिसका फायदा प्रदेश के गरीब आदमी को मिले। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में उत्तराखंड आधारित सोच और शोध को विकसित करने की आवश्यकता है। जो यहां के उपलब्ध संसाधनों के बेहत्तर प्रबंधन की दिशा तय करते हुए उत्तराखंड को विकास के मार्ग पर ले जा सके।

इंडोनेशिया का दिया उदाहरण
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस दौरान इंडोनेशिया का उदाहरण देते हुए कहा कि इंडोनेशिया ने चीड़ से 127 प्रकार के प्रोडक्ट बना दिये लेकिन हम लीसे से आगे बढ़ नहीं पाये। ऐसा ही उन्होंने भांग और अन्य स्थानीय उत्पादांे के संदर्भ में कहा। उन्होंने लोकल फाॅर वोकल का जिक्र करते हुए ग्रोथ सेंटरो से विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को जोड़ने की बात कही।

डाॅ. डी.एस. रावत छात्रवृत्ति की घोषणा
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस दौरान घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश के विद्यार्थियों में शोध और गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए कला, विज्ञान, वाणिज्य के क्षेत्र में प्रो. दलवीर सिंह रावत पूर्व कुलपति गढ़वाल विश्वविद्यालय के नाम पर छात्रवृत्ति दी जायेगी।

हर वर्ष दिये जायेंगे सम्मान
वहीं उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा कि डाॅ. भक्त दर्शन पुरस्कार की पहल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा की गई। अब प्रत्येक वर्ष 12 फरवरी को डाॅ. भक्त दर्शन की जयंती पर यह सम्मान दिया जायेगा। उन्होने कहा कि जयहरीखाल डिग्री काॅलेज अब डाॅ. भक्त दर्शन के नाम पर रखा गया है। पौड़ी के मुसेठी गांव में डाॅ. भक्त दर्शन स्मारक बनाया गया और अब द्वार बन रहा है।

काॅलेजों में शत-प्रतिशत फैकल्टी: डाॅ. धन सिंह
इस दौरान डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा कि राजकीय महाविद्यालयों में 93.3 फीसदी फैकल्टी उपलब्ध है। जबकि 82 कालेजों में शतप्रतिशत फैकल्टी है। 30 दिसम्बर तक उन्होंने सभी राजकीय काॅलेजांे में 100 फीसदी फैकल्टी तैनात करने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों अब राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग प्राप्त करने के लिए काम करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आगामी 8 नवम्बर को प्रदेश के 4 लाख छात्रों को 4जी कनेक्टीविटी सौगात दी जायेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत राजकीय महाविद्यालय डोईवाला से इसका शुभारम्भ करेंगे।

इस अवसर पर डाॅ. भक्त दर्शन की दोनों पुत्री श्रीमती निर्मला नेगी एवं श्रीमती मीरा चैहान, राज्य उच्च शिक्षा उन्नयन समिति के उपाध्यक्ष डाॅ. बी.एस.बिष्ट, दीप्ति रावत, धर्मपुर विधानसभा के विधायक विनोद चमोली, लैंसडाउन विधायक दिलीप रावत, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनंद वर्द्धन, सलाहकार रूसा प्रो. के.डी. पुरोहित, प्रो. एमएसएम रावत, राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति, निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति, उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. कुमकुम रौतेला सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी और शिक्षक उपस्थित रहे। वहीं कार्यक्रम का संचालन दून विश्वविद्यालय के प्रो. एच. सी. पुरोहित ने किया।

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