दावत-ए-ख़ास: हरदा का अनूठा अंदाज, दावत में गहत के डुबके और भात

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देहरादून: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बार फिर पहाड़ी व्यंजन की दावत दी। गहत के डुबके और भात की दावत के लिए उन्होंने बकायदा फेसबुक पोस्ट की थी। पोस्ट पर उन्होंने सिर्फ 21 व्यक्तियांे को ही दावत पर आमंत्रित किया था। हरदा की दावत हो और महज 21 लोग पहुंचे ऐसे भला कहां हो सकता है। हरदा की दावत खाने दूर-दूर से काफी संख्या में लोग पहुंचे और पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ उठाया। इस दौरान हरदा, उनकी धर्म पत्नी रेणुका रावत और बेटी अनुपमा ने खुद लोगों को भोजन परोसा।

अक्सर पहाड़ी फलों और व्यंजनों की दावत देने वाले हरदा ने इस बार डुबका-भात, भटवाणी, आलू का झोल, आलू-मूली के टपकिया, भांग की चटनी और गुड़ का स्वाद चखाया। अक्सर पहाड़ी उत्पादों को महत्व देने वाले हरदा इससे पहले ककड़ी पार्टी, आम पार्टी और काफल पार्टी देकर चर्चा में रहे हैं। रावत का कहना है कि पहाड़ की युवा पीढ़ी अपने पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजनों से दूर न हो इसके लिए वह समय-समय पर इसका आयोजन करते रहते हैं।

पहाड़ी उत्पदों की बाजार में मांग बढ़े और किसानों को उनके उत्पाद का और अधिक मूल्य मिल सके। ताकि पहाड़ के लोग खेती छोड़ने की बजाए खेती करने लगेंगे। उन्होंने कहा कि जब लोग अपने स्थानीय उत्पदों की खेती करेंगे और मुनाफा कमायेंगे तो फिर पहाड़ से पलायन किसी भी सूरत में नहीं होगा। हरदा ने ये भी कहा कि जब वह केंद्र में कृषि मंत्री थे, तब विश्व स्वस्थ संगठन के समक्ष मंडवा और झंगोरा की पौष्टिकता को प्रमाणित करने का अनुरोध किया गया था।

उन्होंने कहा कि विश्व स्वस्थ संगठन ने झंगोरा व मंडवे को पौष्टिक वैल्यू का उत्पाद मान लिया है जिसकी उन्हें खुशी है। हरदा ने बताया कि सरकार में रहते हुए उन्होंने सैकड़ों छोटी-छोटी पहल की थी, जिससे हमारी पहचान, खेती, किसानी, व्यंजन, परिधान और शिल्प का परचलन बढ़ने के साथ-साथ लोगों की आर्थिकी बढ़े और आम आदमी की आर्थिकी में सुधार हो। हरदा ने कहा कि वह उत्तरखंडियत की पहचान बनाने के लिए काम करते रहेंगे।

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