सीमा विवादः चीन के साथ झड़प में 76 सैनिक घायल, ड्यूटी पर जल्द लौटने की उम्मीद

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लद्दाख स्थित गलवान घाटी के पैट्रोलिंग पॉइंट 14 पर भारत और चीनी सेनाओं के बीच हुई खूनी झड़प में हमारे 20 सैनिक शहीद हुए जबकि 76 सैनिक घायल भी हुए। जिनका इलाज चल रहा है। सैन्य सूत्रों के मुताबिक, घायल सैनिकों में किसी की भी हालत नाजुक नहीं है और वो सभी एक से दो हफ्ते में ड्यूटी जॉइन कर लेंगे।

नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने जो घातक साजिश रची थी, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सोमवार को हुई खूनी झड़प में न केवल 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए बल्कि 76 सैनिक घायल भी हुए। जिनका इलाज चल रहा है। खुशखबरी यह है कि घायल सभी सैनिक खतरे से बाहर हैं और सभी की हालत स्थिर है। सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अभी लेह के सैन्य अस्पताल में 18 सैनिक इलाजरत हैं जबकि अन्य 58 सैनिकों का इलाज दूसरे अस्पतालों में चल रहा है। सेना पहले ही बता चुकी है कि गंभीर रूप से घायल चार सैनिकों पर से भी खतरा टल गया है और उनकी भी हालत स्थिर है।

चीन ने ओढ़ी है चुप्पी
भारतीय सेना ने गलवान घाटी के पैट्रोलिंग पॉइंट 14 पर हुई खूनी झड़प में अपने शहीद और घायल हुए सैनिकों की वास्तविक संख्या बता दी है, लेकिन चीन ने सिर्फ यह स्वीकार किया है कि उसे भी नुकसान उठाना पड़ा है। चीन ने न तो अपने मारे गए सैनिकों की और न ही घायल सैनिकों की संख्या बता रहा है जबकि घटना के चार दिन बीत गए हैं। वैसे भी खुद के भारत पर भारी होने का गुमान पाले चीन में इतनी हिम्मत कहां कि वो धोखे से हमला करने के बाद भी ज्यादा संख्या में मारे गए सैनिकों को लेकर सचाई दुनिया को बता सके।

  • हाइलाइट्स
  • सेना के सूत्रों ने बताया कि गलवान में खूनी संघर्ष के दौरान घायल 76 सैनिकों का इलाज चल रहा है
  • इनमें 58 सैनिक एक हफ्ते में ठीक होकर ड्यूटी जॉइन कर सकते हैं
  • अन्य 18 सैनिकों को ठीक होने में दो हफ्ते का वक्त लग सकता है
  • चीन ने अपने मारे गए और घायल हुए सैनिकों की संख्या अब तक नहीं बताई है

जल्द ड्यूटी पर लौटेंगे घायल सैनिक
बहरहाल, सैन्य सूत्रों ने बताया कि लेह से बाहर के अस्पतालों में भर्ती 58 सैनिकों को मामूली चोटें आई हैं। उन्होंने कहा, श्उम्मीद की जाती है कि वो सभी एक हफ्ते में ठीक हो जाएंगे। वहीं, लेह के अस्पताल में भर्ती 18 सैनिकों को ठीक होने में 15 दिनों का वक्त लग सकता है।श् सूत्रों ने कहा कि इस तरह 58 सैनिक एक हफ्ते में और बाकी 18 सैनिक 15 दिन बाद ड्यूटी पर लौट आएंगे।

जयशंकर की चीन को खरी-खरी
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को चीनी समकक्ष वांग यी के साथ टेलिफोन पर वार्ता के दौरान बिल्कुल यही बात कही। उन्होंने कहा कि गलवान में जो कुछ भी हुआ, उसे चीन ने सोच-समझकर अंजाम दिया, यह कोई आकस्मिक घटना नहीं थी। जयशंकर ने स्पष्ट कहा, चीन ने पूरी तरह सोच-समझकर और योजनाबद्ध तीरके से कार्रवाई की जिससे हिंसा हुई और दोनों ओर के सैनिक शहीद हुए। इससे स्पष्ट होता है कि चीन यथास्थिति में परिवर्तन नहीं करने को लेकर हमारे बीच बनी सभी सहमतियों का उल्लंघन कर जमीनी हकीकत बदलने का इरादा रखता है।

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