रूद्रप्रयाग: प्रदेश के वन मंत्री हरक सिंह रावत को कोर्ट ने तीन माह की सजा सुनाई है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश रूद्रप्रयाग की अदालत द्वारा हरक सिंह रावत को चुनाव आचार संहिता उल्लंघन और सरकारी कार्य में व्यवधान पैदा करने के मामले में सजा सुनाई। अपने फैसले के तहत जिला न्यायालय ने हरक सिंह रावत को तीन माह का साधारण कारवास व 1 हजार रूपये का अर्थदंड लगाया।
ये था मामला
विदित हो कि वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में डॉ. हरक सिंह रावत और उनके चार समर्थक वीरेंद्र बुटोला, अंकुर रौथाण, वीर सिंह बुडेरा और रघुवीर सिंह के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालना, चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करना और प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारियों के साथ अभद्रता करने का आरोप लगा था। इस मामले में रुद्रप्रयाग सीजेएम कोर्ट में मुकदमा चला। इसी साल फरवरी में मामले को लेकर हरक सिंह रावत को जमानत मिली थी।
एक घंटा खड़ा होना पड़ा कोर्ट में
जमानत मिलने से पूर्व हरक सिंह रावत को न्यायालय में एक घंटे खड़ा रहना पड़ा था। दरअसल न्यायालय ने मंत्री को कोर्ट में हाजिर होने का समन दिया था, लेकिन हरक सिंह रावत न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सके थे। आठ फरवरी को वन मंत्री सीजेएम कोर्ट में हाजिर हुए, जहां लगभग एक घंटे की प्रक्रिया के बाद उन्हें जमानत मिली।
8 वर्ष बाद आया फैसला
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में भले ही हरक सिंह रावत जीत गये थे लेकिन उन पर दर्ज आचार संहित उल्लंघन और सरकारी काम में व्यवधान का मुकदमा चलता रहा। इस बीच वह कोर्ट में उपस्थित भी हुए। जिससे स्पष्ट हो गया था कि वह इस मामले में बच नहीं पायेंगे। आज जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने फैसला सुनाते हुए उन्हें तीन माह का साधारण कारावास और एक हजार रूपये का अर्थदंड लगाया। हालांकि अपीलीय अवधि तक कोर्ट ने हरक सिंह रावत को जमानत दे दी है।