संतों की साजिशः निर्मल अखाड़े की संपत्ति हड़पने की कोशिश, 11 साधुओं के खिलाफ मुकदमा

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हरिद्वारः यूं तो संत सांसारिक मोह माया के बंधन से मुक्त होते हैं। लेकिन कलयुग के संत कहने भर के लिए सन्यासी है। संतों की नगरी हरिद्वार से ऐसा वाकया समाने आया है। जहां कुछ संतों फर्जीवाडा करने की कोशिश की। मामला श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल से जुड़ा है। निर्मल अखाड़े की फर्जी कार्यकारिणी बनाकर सोसायटी फर्म एंड चिट्स में रजिस्टर्ड कराने का प्रकरण सामने आया है। संस्था के कोठारी (कोषाध्यक्ष) ने इस संबंध में पंजाब से ताल्लुक रखने वाले 11 संतों के खिलाफ कनखल थाने में धोखाधड़ी समेत प्रभावी धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।

उधर कनखल पुलिस ने मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी है। एसएसपी सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस को दिए प्रार्थना पत्र में संस्था के कोठारी जसविंदर सिंह ने पूरे मामले की सिलसिलेवार जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वह संस्था के कोठारी हैं और ज्ञानदेव सिंह अध्यक्ष। आरोप है कि रेशम सिंह, हाकम सिंह, कश्मीर सिंह, प्रेम सिंह, कमलजीत सिंह, महंत गोपाल सिंह, जगजीत सिंह, सुक्खा सिंह, महंत विक्कर सिंह और जगतार सिंह का संस्था से कोई ताल्लुक नहीं है और न ही यह सब प्राथमिक सदस्य हैं।

एक फर्जी बैठक भी दिखाई
आरोप है कि इन सभी ने 19 अगस्त 2019 संस्था की संपत्ति एवं मुख्य कार्यालय को हड़पने की साजिश रचते हुए एक फर्जी बैठक दिखाई। बैठक में रेशम सिंह को अध्यक्ष चुन लिया गया। उसी फर्जी बैठक एवं प्रस्ताव के आधार पर रोशनाबाद में उपनिबंधक सोसायटी फर्म एंड चिट्स में रजिस्टर्ड भी कराना चाहा।  एसएसपी के निर्देश पर कनखल पुलिस ने कोठारी की शिकायत पर 11 संतों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने से लेकर षड्यंत्र रचने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

एसओ कनखल विकास भारद्वाज ने बताया कि यह सभी आरोपी पंजाब के अलग अलग शहर जैसे फिरोजपुर, संगरूर, अमृतसर, होशियारपुर, गुरदासपुर, तरनतारन एवं बरनाला के निवासी हैं। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी भी कर ली जाएगी।

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