चमोली आपदा: भीषण आपदा से चमोली और विष्णुप्रयाग में कई घरों की हिली नींव, पड़ी दरार

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चमोली: ऋषिगंगा नदी में आई भीषण आपदा से चमोली और विष्णुप्रयाग में कई घरों की नींव हिल गई है। इतना ही नहीं कई घरों में मोटी दरारें भी पड़ गई है। जिससे लोगों भय का महौल बना है। वहीं जल प्रलय से 174 लोग अभी भी लापता हैं, इनमें से टनल में फंसे हुए करीब 35 मजदूरों को निकालने की कवायद जारी है। वहीं आज आपदा प्रभावित तपोवन क्षेत्र में अचानक मौसम खराब हो गया है। यहां बारिश शुरू हो गई है। जिससे राहत-बचाव कार्यों में परेशानी आ सकती है।

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और उत्तराखंड पुलिस के संयुक्त अभियान के तहत अभी तक 32 शव निकाले जा चुके हैं, इनमें से 8 की शिनाख्त हो गई है। बुधवार को चैथे दिन थी राहत बचाव कार्य जारी है। वहीं मंगलवार को रातभर टनल से मलबा हटाने का कार्य चला। इस दौरान ड्रोन की भी मदद ली गई। बताया जा रहा है कि अभी टनल से मलबा हटाने में और समय लगेगा।

एसडीआरएफ और पुलिस के जवान तपोवन रैणी आपदा में लापता हुए लोगों की खोजबीन में जुटे हुए हैं। जवानों ने अलकनंदा नदी किनारे गौचर व कर्णप्रयाग के बीच दिनभर खोजबीन जारी रखी। वहीं आपदा के चार दिन बाद भी पूरे क्षेत्र में लोग खौफजदा हैं। अलकनंदा नदी में अभी भी मटमैला पानी बह रहा है। पूरी नदी के किनारे मलबा, कीचड़ व लकड़ियों के ढेर लगे हैं। नदी के किनारे मछलियां सड़ रही हैं। एसडीआरएफ व पुलिस के जवान नदी किनारे आपदा में बहे लोगों की खोजबीन में मुश्तैदी से जुटे हैं। 

आज राहत बचाव कार्य की समीक्षा करने के लिए जोशीमठ में एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में आईटीबीपी, सेना और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही सभी एजेंसियों  के अधिकारी मौजूद रहे।आईटीबीपी के जवानों द्वारा आपदा के कारण सड़क मार्ग के कटे हुए गावों में राशन पहुंचाया जा रहा है।

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