भारत ने चीन की हरकतों पर उसे दो टूक जबाव दिया और कहा कि वह अपनी हरकतों से बाज आये। भारत ने सीधे तौर पर कहा कि वह लद्दाख में नये निर्माण कार्य बंद करे वरना सीमा पर तनाव कभी खत्म नहीं होगा। चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्त्री ने साफ कहा कि चीन और भारत के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तभी तनाव खत्म होगा जब चीन नए ढांचे खड़े करना बंद कर देगा।
नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना से हिंसक झड़प करने के बाद गलवान घाटी पर दावा ठोंकने वाले चीन को भारत ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी है कि उसकी हरकतों के नतीजे दोनों के बीच संबंधों पर दिखाई देंगे। चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने साफ-साफ कहा है कि चीन लद्दाख में नए ढांचे बनाना बंद करे, तभी दोनों के बीच शांति स्थापित की जा सकती है। गौरतलब है कि भारत में चीन के राजदूत ने शांति स्थापित करने को भारत की जिम्मेदारी बताया था।
चीन के दावे का समर्थन नहीं
मिस्री ने कहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मिलिट्री स्टैंडऑफ को सुलझाने का सिर्फ एक तरीका है कि चीन नए ढांचे खड़े करना बंद करे। उन्होंने कहा, चीन के गलवान घाटी पर दावे का समर्थन बिलकुल नहीं किया जा सकता। यह बढ़ा-चढ़ाकर दावे करने से कोई फायदा नहीं होगा। चीन की यथास्थिति को बदलने की कोशिश के नतीजे जमीन पर दोनों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर दिखाई देंगे। मिस्री ने यह भी कहा है कि बाकी के द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए सीमा पर शांति स्थापित करना बेहद जरूरी है।
सीमा पर पीछे हटता नहीं दिख रहा ड्रैगन
दरअसल, 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसा में भारत के 20 जवान शहीद होने के बाद दोनों देशों के बीच बातचीत हुई थी और दोनों सेनाएं पीछे हटने पर सहमत हुई थीं। हालांकि, लगातार सामने आ रहीं सैटलाइट तस्वीरों से संकेत मिल रहे हैं कि चीन की सेना पीछे हटना तो दूर, अलग-अलग इलाकों में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है। पैन्गॉन्ग झील के किनारे, कोंगका और हॉटस्प्रिंग्स के क्षेत्र में और यहां तक कि जिस जगह 15 जून की झड़प हुई थी, वहां भी उसके नए ढांचे दिखाई दे रहे हैं।