देहरादून : विद्यालयी शिक्षा के स्तर में सुधार लाने को लेकर हरियाणा एवं उत्तराखंड के शिक्षा मंत्रियों के बीच मैराथन बैठक हुई। दोनों राज्यों ने शिक्षा के क्षेत्र में किये गये कार्यों को एक-दूसरे से साझा किया। हरिणाया द्वारा शिक्षकों के ऑनलाइन स्थानांतरण एवं छात्रों के ऑनलाइन प्रवेश सहित नवाचार का प्रस्तुतिकरण दिया गया जबकि उत्तराखंड की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में किये गये कार्यों एवं माह जुलाई में एनईपी-2020 लागू किये जाने की जानकारी साझा की गई।
सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि स्कूलों में शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार, एनईपी का क्रियान्वयन एवं नवाचार को लेकर आज हरियाणा सदन में हरियाणा के शिक्षा मंत्री चौधरी कंवरपाल एवं विभागीय अधिकारियों के साथ लम्बी चर्चा की। डॉ0 रावत ने बताया कि दोनों राज्यों ने शिक्षा के क्षेत्र में किये गये कार्यों को एक-दूसरे से साझा कर अपने अनुभव बांटे।
उन्होंने बताया कि हरियाणा के अधिकारियों ने शिक्षकों के ऑनलाइन स्थानांतरण एवं विद्यार्थियों के ऑनलाइन प्रवेश को लेकर प्रस्तुतिकरण दिया। डॉ0 रावत ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा शिक्षकों के पारदर्शी स्थानांतरण के लिये ऑनलाइन व्यवस्था अपनाई है। इस व्यवस्था से वहां के लगभग 93 फीसदी शिक्षक खुश हैं। ऐसे ही स्कूलों में छात्र-छात्राओं के प्रवेश भी ऑनलाइन माध्यम से किये जाते हैं, जिससे अभिभावकों को अपने बच्चों के एडमिशन कराने में अनावश्यक दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है।
डॉ0 रावत ने बताया कि उत्तराखंड में गुणात्मक शिक्षा के लिये राज्य सरकार द्वारा कई कदम उठाये गये हैं। उन्होंने बताया कि एनईपी-2020 के क्रियान्वयन को लेकर उत्तराखंड में युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। जुलाई माह में राज्य में नई शिक्षा नीति को लागू कर दी जायेगी, इसी के साथ ही उत्तराखंड एनईपी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जायेगा। उन्होंने कहा कि एनईपी को सर्वप्रथम प्री-प्राइमरी एवं उच्च शिक्षा के अंतर्गत प्रथम सेमेस्टर में लागू किया जायेगा।
बैठक में हरियाणा के शिक्षा मंत्री चौधरी कंवर पाल, उत्तराखंड के शिक्षा सचिव रविनाथ रमन, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, हरियाणा के प्राथमिक शिक्षा निदेशक असंज सिंह, डिप्टी डायरेक्टर माध्यमिक शिक्षा सुरेन्द्र बांगड सहित हरियाणा शिक्षा विभाग के अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।